New Delhi:
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को कठघरे में खड़ा करने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट की तारीफ करने के कारण पाली के वकीलों ने गृह मंत्री पी चिदम्बरम की निंदा करते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है। चिदम्बरम ने सोमवार को था कि भट्ट ने हलफनामा देकर साहसिक कदम उठाया है जो एक सकारात्मक बात है। पूर्व भाजपा सांसद एवं वकील पुष्प जैन की अगुवाई में वकीलों ने भट्ट की छवि पर सवाल उठाए हैं। साथ ही कहा है कि पाली के एक अधिवक्ता को झूठे मामले में फंसाने के जिस मामले में यह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभियुक्त रह चुके हैं, उसी मामले में चिदम्बरम सह अभियुक्त रहे गुजरात उच्च न्यायालय के पूर्व अस्थायी न्यायाधीश आरआर जैन के वकील रह चुके है। जैन एवं अन्य वकीलों ने कहा कि मानवाधिकार आयोग ने एक प्रकरण में संजीव भट्ट को दोषी मानते हुए गुजरात सरकार को वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित को एक लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिये थे। गुजरात सरकार मुआवजे का भुगतान कर चुकी है। उन्होंने बताया कि पाली के वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित को झूठे मामले में फंसाने के आरोप में उच्चतम न्यायालय में संजीव भट्ट, गुजरात उच्च न्यायालय के पूर्व अस्थायी न्यायाधीश आरआर जैन समेत बीस अभियुक्तों के खिलाफ मादक द्रव्य निरोधक कानून एंव भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला विचाराधीन है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ हलफनामा पेश कर चर्चा में आए हैं।
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