मुंबई:
बैंक के नाम आपने चेक जारी किया, लेकिन जरा सोचिए कि आपके चेक के बैंक पहुंचने से पहले ही कोई उसे भुना ले तो।
नवी मुंबई में पुलिस ने ऐसा गिरोह को पकड़ा है, जिसका काम ही फ्रॉड करके दूसरों के चेक भुनाना था, लेकिन पूछताछ में उस गिरोह ने जो खुलासा किया है उससे देश के हर राज्य में बैठा शख्स परेशान हो सकता है क्योंकि पुलिस के मुताबिक देश भर में ऐसे 1-2 नहीं पूरे 150 गिरोह सक्रिय हैं।
नवी मुंबई के कोपरखैराणे स्थित आंध्राबैंक की शाखा से 6.50 लाख रुपये की निकासी के बाद इस गिरोह का भांडाफोड़ हुआ। सीसीटीवी की तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि कैसे आरोपी महिला बैंक के अंदर दाखिल होती है, कुछ देर बाद उसका साथी भी बैंक में आता है। टोकन लेकर महिला अपनी बारी का इंतज़ार करती है, इसका साथी फोन पर बात करने के बहाने बाहर जाता है, कुछ देर में अंदर आता है। महिला का नंबर आता है, वो बैंक से 6.50 लाख रुपये निकालकर चली जाती है इसका साथी भी कुछ देर में बाहर निकल जाता है।
खाताधारक की शिकायत पर पुलिस ने जब जांच की तो सारी कहानी सामने आई। नवी मुंबई क्राइम ब्रांच सेंट्रल यूनिट के अधिकारी कृष्णा कोंकणी ने बताया, 'बिपिन बढेका और रविंद्र शेट्टी की शिकायत थी कि उन्होंने चेक किसी और को इश्यू किया था, लेकिन चेक जब इश्यू किया था, वो पहले ही पास हो गया था, उन्होंने हमें इंफॉर्म किया, फिर हमने चार लोगों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपी का नाम संगीता सामंता है लेकिन उसने पैन, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस सब फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर अमिता कांबले के नाम से बनवा रखा था। वो लोगों को चूना लगाने के लिए अपने दोस्तों के साथ ऐसे ही फर्जी दस्तावेज बनाती है, फिर बैंक से दूसरों के चेक अपने नाम करवाती है।'
पूरे महाराष्ट्र में इस गिरोह का टारगेट हर दिन 8-10 लाख रुपये फर्जी तरीकों से निकालने का था। अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस गिरोह ने गोंदिया में 65 लाख रुपये, कफ परेड में 50 लाख रुपये., विले पार्ले में 10 लाख रुपये, रबाले में 15 लाख रुपये अलग-अलग बैंकों से निकाले हैं।
नवी मुंबई क्राइम ब्रांच का दावा है कि पकड़े गए आरोपी तो सिर्फ धागे का एक सिरा हैं, ऐसे गिरोह बड़ी तादाद में देश भर में ऑपरेट कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच सेंट्रल यूनिट के श्रीकांत अधिकारी कृष्णा कोंकणी के मुताबिक, 'गिरोह में हर शख्स का काम अलग-अलग है, पूरे देश भर में ऐसे 150 गिरोह काम कर रहे हैं। इस मामले में आरोपियों को अदालत ने हिरासत में भेज दिया है, हालांकि गिरोह का मास्टरमाइंड अब भी फरार है।
नवी मुंबई में पुलिस ने ऐसा गिरोह को पकड़ा है, जिसका काम ही फ्रॉड करके दूसरों के चेक भुनाना था, लेकिन पूछताछ में उस गिरोह ने जो खुलासा किया है उससे देश के हर राज्य में बैठा शख्स परेशान हो सकता है क्योंकि पुलिस के मुताबिक देश भर में ऐसे 1-2 नहीं पूरे 150 गिरोह सक्रिय हैं।
नवी मुंबई के कोपरखैराणे स्थित आंध्राबैंक की शाखा से 6.50 लाख रुपये की निकासी के बाद इस गिरोह का भांडाफोड़ हुआ। सीसीटीवी की तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि कैसे आरोपी महिला बैंक के अंदर दाखिल होती है, कुछ देर बाद उसका साथी भी बैंक में आता है। टोकन लेकर महिला अपनी बारी का इंतज़ार करती है, इसका साथी फोन पर बात करने के बहाने बाहर जाता है, कुछ देर में अंदर आता है। महिला का नंबर आता है, वो बैंक से 6.50 लाख रुपये निकालकर चली जाती है इसका साथी भी कुछ देर में बाहर निकल जाता है।
खाताधारक की शिकायत पर पुलिस ने जब जांच की तो सारी कहानी सामने आई। नवी मुंबई क्राइम ब्रांच सेंट्रल यूनिट के अधिकारी कृष्णा कोंकणी ने बताया, 'बिपिन बढेका और रविंद्र शेट्टी की शिकायत थी कि उन्होंने चेक किसी और को इश्यू किया था, लेकिन चेक जब इश्यू किया था, वो पहले ही पास हो गया था, उन्होंने हमें इंफॉर्म किया, फिर हमने चार लोगों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपी का नाम संगीता सामंता है लेकिन उसने पैन, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस सब फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर अमिता कांबले के नाम से बनवा रखा था। वो लोगों को चूना लगाने के लिए अपने दोस्तों के साथ ऐसे ही फर्जी दस्तावेज बनाती है, फिर बैंक से दूसरों के चेक अपने नाम करवाती है।'
पूरे महाराष्ट्र में इस गिरोह का टारगेट हर दिन 8-10 लाख रुपये फर्जी तरीकों से निकालने का था। अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस गिरोह ने गोंदिया में 65 लाख रुपये, कफ परेड में 50 लाख रुपये., विले पार्ले में 10 लाख रुपये, रबाले में 15 लाख रुपये अलग-अलग बैंकों से निकाले हैं।
नवी मुंबई क्राइम ब्रांच का दावा है कि पकड़े गए आरोपी तो सिर्फ धागे का एक सिरा हैं, ऐसे गिरोह बड़ी तादाद में देश भर में ऑपरेट कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच सेंट्रल यूनिट के श्रीकांत अधिकारी कृष्णा कोंकणी के मुताबिक, 'गिरोह में हर शख्स का काम अलग-अलग है, पूरे देश भर में ऐसे 150 गिरोह काम कर रहे हैं। इस मामले में आरोपियों को अदालत ने हिरासत में भेज दिया है, हालांकि गिरोह का मास्टरमाइंड अब भी फरार है।
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