महाराष्ट्र में पालघर की एक अदालत ने सोमवार को शिवसेना के सांसद राजेंद्र गावित को चेक बाउंस के एक मामले में दोषी करार देने के बाद एक साल की कैद की सजा सुनाई. साथ ही, उन्हें मुआवजे के तौर पर 1.75 करोड़ रुपये अदा करने का निर्देश दिया. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी वी.पी. खंडारे की अदालत ने आदेश का क्रियान्वयन एक महीने के लिए रोक दिया, ताकि गावित एक अपील दायर कर सकें और अपीलीय अदालत से आदेश हासिल कर सकें.
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अदालत ने आदेश में कहा, ‘‘मुआवजे की राशि बड़ी है, इसलिए मेरे विचार से इसकी अदायगी के लिए दोषी को समय दिया जा सकता है. इस तरह, दोनों पक्षों के वकीलों की दलील पर विचार करने के बाद, मैं दोनों अर्जियों को स्वीकार करने को इच्छुक हूं और अपीलीय अदालत से उपयुक्त आदेश पाने के लिए 30 दिनों का समय देता हूं.''
आदेश में कहा गया है कि दोषी को 15,000 रुपये का एक निजी मुचलका और इतनी ही रकम की जमानत राशि जमा करने पर रिहा कर दिया जाए. उन्हें एक साल की कैद की सजा सुनाई जाती है और 1,75,000 रुपये का मुआवजा अदा करने का निर्देश दिया जाता है.
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अभियोजन के मुताबिक, यह मामला पालघर में एक भूमि को लेकर गावित एवं डेवलपर चिराग बाफना के बीच विवाद से संबद्ध है, जिसके तहत सांसद द्वारा दिया गया डेढ़ करोड़ रुपये का एक चेक बाउंस हो गया था. गावित महाराष्ट्र में पूर्ववर्ती कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सरकार में आदिवासी विकास मंत्री रह चुके हैं.
वह 2018 में पालघर लोकसभा सीट पर उपचुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये थे और चुनाव जीत गये थे. पालघर से फिर से चुनाव लड़ने के लिए वह 2019 में शिवसेना में शामिल हो गये थे.
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