दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) घोटाले का पर्दाफाश किया, जिसने कई फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइटों के जरिये हज़ारों लोगों को ठगा. पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड विजय अरोड़ा समेत पांच लोग गिरफ्तार कर लिए हैं. आरोपियों ने इलेक्ट्रॉनिक सामान और कपड़ों के लिए दर्जनों फर्जी शॉपिंग वेबसाइट बनाई थी.
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साइबर सेल के डीसीपी अनियेश रॉय के मुताबिक ऑनलाइन सर्च के जरिये इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और कपड़ो की ऑनलाइन खरीदारी की तलाश करने वाले भोले-भाले लोगों को इन फर्जी साइटों पर ये बताया गया कि यहां बहुत सस्ती कीमत पर सामान मिलेगा. ग्राहकों को ऑनलाइन पेमेंट के लिए कहा गया लेकिन उनके द्वारा खरीदा हुआ कोई सामान उन्हें नहीं भेजा गया. यदि पीड़ितों ने बार-बार पैसे वापसी के लिए दबाव डाला, तो उन्हें धोखा देने के लिए बहुत ही सस्ते और घटिया सामान भेजे गए. इस तरह इस गैंग ने 10 हज़ार से ज्यादा लोगों से करीब 25 करोड़ की ठगी की. साइबर सेल को कई शिकायतें मिली थीं. पीड़ितों ने वेबसाइट 'www.bookmytab.com' पर टैबलेट की खरीदारी में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था.
शिकायत पर जांच करते हुए पुलिस ने पश्चिम विहार के रहने वाले 37 साल के विजय अरोड़ा, मनमीत सिंह, राजकुमार, प्रदीप कुमार और अवतार सिंह को गिरफ्ता किया. मुख्य आरोपी विजय मेरठ से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया है. उसने 3 साल पहले नकली वेबसाइट बनाकर ठगी शुरू की और तब से अब तक 60 से अधिक नकली शॉपिंग वेबसाइटें बनाई है.
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आरोपियों द्वारा बनाई गई कुछ वेबसाइटें हैं 'बुकमायटैब', 'द रिप्ड जीन्स', 'डेलीपोशक', 'डेनिमटी', 'फेमिडुकन', 'जैकोब्डेनिम्स', 'नारिदुकान', 'परबाजार', 'स्लिमफिटकलेक्शन', 'द स्क्वेयरज़ोन' , 'वस्त्रालय', 'बुकामोबाइल', 'योरमोबाइल' आदि.
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