मुंबई:
मालवणी जहरीली शराब कांड में मुंबई पुलिस ने आरोप पत्र दायर कर दिया है। 13,760 पन्नों के आरोप पत्र में कांड की पूरी कहानी के साथ गवाहों और सबूतों की फेहरिस्त है। इस मामले में पुलिस ने कुल 577 लोगों को गवाह बनाया है। आरोप पत्र मुंबई किला कोर्ट में दायर किया गया।
मालवणी में इसी साल जून महीने में हुए शराब कांड में कुल 106 लोगों की मौत हुई थी और 75 बीमार हुए थे। आरोप था कि शराब माफियाओं ने ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में ज्यादा केमिकल मिला दिया था, जिसकी वजह से शराब जहर बन गई। लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि जिसे शराब समझ कर लोगों ने पिया था वो शराब नहीं, बल्कि सिर्फ केमिकल था यानी मीथेनॉल।
मामले की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच ने कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस के मुताबिक जहरीली शराब कांड का मुख्य आरोपी फ्रांसिस पिछले चार साल से शराब के नाम पर पानी में केमिकल मिलाकर लोगों को पिला रहा था।
इसके लिए वह जरूरी मीथेनॉल गुजरात से आरोपी अतीक के जरिये मंगवाता था। अतीक कभी सड़क के रास्ते, तो कभी समंदर के रास्ते पीपे में भरकर मीथेनॉल मालवणी में राठौड़ी के अड्डे पर भेजता था। वहां एक तहखाने में फ्रांसिस अपने साथी गौतम के जरिये पानी मिलाकर उसे शराब का रूप देता था, जिसे बाद में राजू लंगड़ा, ममता और ग्रेसी आंटी लक्ष्मी नगर इलाके में बेचते थे और ये सब भी बेचने से पहले उसमें और पानी मिलाकर इसकी मात्रा बढ़ा देते थे।
इस तरह तकरीबन 80 डिग्री का मीथेनॉल करीब 17 से 18 डिग्री तक का हो जाता था। इसलिए इतने साल केमिकल ने एकदम से असर नहीं किया, लेकिन हादसे की रात यानी 17 जून को लगता है कि मीथेनॉल और पानी की मात्रा में गड़बड़ हो गई और जहर ने अपना काम कर दिया। नतीजा कइयों के घर उजड़ गए। कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के लिए तब के मालवणी पुलिस स्टेशन के थाना इंचार्ज प्रकाश पाटिल सहित कुल 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित भी किया गया।
मालवणी में इसी साल जून महीने में हुए शराब कांड में कुल 106 लोगों की मौत हुई थी और 75 बीमार हुए थे। आरोप था कि शराब माफियाओं ने ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में ज्यादा केमिकल मिला दिया था, जिसकी वजह से शराब जहर बन गई। लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि जिसे शराब समझ कर लोगों ने पिया था वो शराब नहीं, बल्कि सिर्फ केमिकल था यानी मीथेनॉल।
मामले की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच ने कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस के मुताबिक जहरीली शराब कांड का मुख्य आरोपी फ्रांसिस पिछले चार साल से शराब के नाम पर पानी में केमिकल मिलाकर लोगों को पिला रहा था।
इसके लिए वह जरूरी मीथेनॉल गुजरात से आरोपी अतीक के जरिये मंगवाता था। अतीक कभी सड़क के रास्ते, तो कभी समंदर के रास्ते पीपे में भरकर मीथेनॉल मालवणी में राठौड़ी के अड्डे पर भेजता था। वहां एक तहखाने में फ्रांसिस अपने साथी गौतम के जरिये पानी मिलाकर उसे शराब का रूप देता था, जिसे बाद में राजू लंगड़ा, ममता और ग्रेसी आंटी लक्ष्मी नगर इलाके में बेचते थे और ये सब भी बेचने से पहले उसमें और पानी मिलाकर इसकी मात्रा बढ़ा देते थे।
इस तरह तकरीबन 80 डिग्री का मीथेनॉल करीब 17 से 18 डिग्री तक का हो जाता था। इसलिए इतने साल केमिकल ने एकदम से असर नहीं किया, लेकिन हादसे की रात यानी 17 जून को लगता है कि मीथेनॉल और पानी की मात्रा में गड़बड़ हो गई और जहर ने अपना काम कर दिया। नतीजा कइयों के घर उजड़ गए। कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के लिए तब के मालवणी पुलिस स्टेशन के थाना इंचार्ज प्रकाश पाटिल सहित कुल 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित भी किया गया।
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