'चंद्रयान-2' (Chandrayaan 2) बुधवार को धरती की कक्षा छोड़ चांद पर पहुंचने के लिए 'चंद्रपथ' पर अपनी यात्रा शुरू कर चुका है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक इसे चंद्रपथ पर डालने के लिए कल सुबह एक महत्वपूर्ण अभियान प्रक्रिया को अंजाम देंगे. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के तीन बजे से सुबह चार बजे के बीच अभियान प्रक्रिया 'ट्रांस लूनर इंसर्शन' (टीएलआई) को अंजाम दिया जाएगा. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 Chandrayaan 2 के 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने और सात सितंबर को इसके चंद्र सतह पर उतरने की उम्मीद है.
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भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष के. सिवन ने सोमवार को कहा, "14 अगस्त को तड़के लगभग साढ़े तीन बजे हम 'ट्रांस लूनर इंजेक्शन' नामक अभियान प्रक्रिया को अंजाम देने जा रहे हैं. इस अभियान चरण के बाद 'चंद्रयान-2' धरती की कक्षा को छोड़ देगा और चांद की तरफ बढ़ जाएगा. 20 अगस्त को हम चंद्र क्षेत्र में पहुंचेंगे." यह उल्लेख करते हुए कि 'चंद्रयान-2' बीस अगस्त को चांद के इर्द-गिर्द होगा, उन्होंने कहा, "तत्पश्चात, हमने चांद के आस-पास सिलसिलेवार अभियान प्रक्रियाओं को अंजाम देने की योजना बनाई है और अंतत:, सात सितंबर को हम चांद पर इसके दक्षिणी ध्रुव के नजदीक उतरेंगे."
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इसरो अब तक 'चंद्रयान-2' को पृथ्वी की कक्षा में ऊपर उठाने के पांच प्रक्रिया चरणों को अंजाम दे चुका है. पांचवें प्रक्रिया चरण को छह अगस्त को अंजाम दिया गया था. इसके बाद इसरो ने कहा था कि अंतरिक्ष यान के सभी मानक सामान्य हैं. 'कक्षीय उत्थापन' (यान को कक्षा में ऊपर उठाने) की प्रक्रिया को यान में उपलब्ध प्रणोदन प्रणाली के जरिए अंजाम दिया जाता है.
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