तिरुवनंतपुरम:
केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी को उस समय तगड़ा झटका लगा जब यहां की एक सतर्कता अदालत ने वर्ष 1992 के पामोलिन तेल आयात करार में उनकी भूमिका की जांच के आदेश दे दिए। चांडी राज्य की तत्कालीन के. करुणाकरण सरकार में वित्त मंत्री थे। यूडीएफ सूत्रों ने बताया कि चांडी ने अपने पद से त्यागपत्र देकर मामले का कानूनी और नैतिक रूप से सामना करने का प्रस्ताव किया लेकिन कांग्रेस और सत्ताधारी यूडीएफ घटक दलों के नेताओं ने यह कहकर उन्हें ऐसा करने से रोक दिया कि उन्हें इस मामले में आरोपित नहीं किया गया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मैं जांच का स्वागत करता हूं। मैंने अपने पक्ष से पार्टी हाईकमान को अवगत करा दिया है। विपक्षी एलडीएफ की चांडी के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख रमेश चेन्नीतला ने कहा, वह पूरी तरह से बेकसूर हैं और उन्हें कोई फंसा नहीं सकता। सूत्रों ने यद्यपि संकेत दिया कि चांडी सतर्कता विभाग का प्रभार छोड़ सकते हैं।
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