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This Article is From Apr 03, 2018

मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं

कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस के कोष प्रबंधक कुणाल शाह ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति 2018-19 में मुद्रास्फीति के पांच प्रतिशत की ओर बढ़ने का उल्लेख करेगी.

मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं
आरबीआई की फाइल फोटो
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2018-19 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में बदलाव करने की संभावना कम है. माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक उद्योग के दबाव में नहीं आएगा. इसकी वजह यह है कि कच्चे तेल के दाम चढ़ रहे हैं, जिसके चलते ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं है. गौरतलब है कि यह आम बजट के बाद पहली मौद्रिक समीक्षा होगी. रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति( एमपीसी) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 4-5 अप्रैल को होनी है. खुदरा मुद्रास्फीति में कमी और वृद्धि को रफ्तार देने की जरूरत की वजह से केंद्रीय बैंक पर नीतिगत दरों में कटौती का दबाव है.

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वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो रही है जिसके मद्देनजर इस बात की संभावना कम ही है कि यहां नीतिगत दरों में कटौती की जाए. पिछले महीने अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में0.25 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए संकेत दिया है कि 2018 में वह दो बार और ब्याज दरें बढ़ाएगा. उद्योग मंडल फिक्की ने मौद्रिक नीति में नरम रुख की वकालत की है. फिक्की का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार अब दिखने लगा है, लेकिन वृद्धि के स्तर को और बढ़ाने की जरूरत है. विनिर्माण के मोर्चे पर सुधार की जरूरत है, जिससे निवेश चक्र भी सुधर सके.

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कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस के कोष प्रबंधक कुणाल शाह ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति 2018-19 में मुद्रास्फीति के पांच प्रतिशत की ओर बढ़ने का उल्लेख करेगी. वहीं बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच( बोफाएमएल) ने भी यही राय जताई है. हालांकि, उसने कहा कि यदि मानसून अनुकूल रहता है, तो अगस्त समीक्षा में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. एक अन्य उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में कटौती की काफी कम गुंजाइश है ऐसे में हमारा अनुमान है कि इसमें बदलाव नहीं होगा. फिलहाल रेपो दर 6 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर5.75 प्रतिशत पर है. (इनपुट भाषा से) 

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