केंद्र के उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने खाद्य तेल की कीमतों में कमी सुनिश्चित करने के लिए फिर से राज्यों को पत्र लिखा है. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) खाद्य तेलों के भंडारण की सीमा के आदेश पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए कल सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक करेगा. त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. हितधारकों ने भंडारण क्षमता के दो महीने से अधिक के स्टॉक को न रखने की सलाह दी है.
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) खाद्य मूल्यों पर भंडारण सीमा आदेश पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार, 25 अक्टूबर को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक करेगा. डीएफपीडी के सचिव सुधांशु पांडे ने सभी राज्यों को पत्र लिखे हैं. विभाग ने जानकारी दी है कि उपभोक्ताओं की राहत के लिए और त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों के मूल्य को कम करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों की रूपरेखा तैयार की गई है.
केंद्र ने रविवार को कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान मांग में होने वाली वृद्धि को ध्यान में रखते हुए वह खाद्य तेलों की कीमतों पर नजर रखे हुए है. केंद्र 25 अक्टूबर को एक बैठक करके भंडार रखने की सीमा के अपने आदेश पर राज्यों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा करेगा.
गौरतलब है कि केंद्र ने गत 10 अक्टूबर को घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए, कुछ आयातकों और निर्यातकों को छोड़कर, खाद्य तेलों और तिलहनों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक के लिए भंडारण सीमा तय कर दी थी. राज्य सरकारों और केंद्र शासित क्षेत्रों को अपने यहां उपलब्ध भंडार और खपत के पैटर्न को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों और तिलहन पर लगाए जाने वाले भंडार की सीमा तय करने के लिए कहा गया था.
(इनपुट भाषा से भी)
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