भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के रुख का विरोध करेंगी। वह हत्या के दोषी सात लोगों की रिहाई का विरोध कर रही केंद्र सरकार को चुनौती देंगी।
इससे पूर्व राजीव गांधी हत्याकांड में तीन दोषियों की रिहाई पर स्थगनादेश प्राप्त करने के बाद केन्द्र सरकार ने इस मामले में चार अन्य दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर रोक के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि केन्द्र की याचिका पर 27 फरवरी को सुनवाई की जाएगी।
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि इस हत्याकांड के सभी दोषियों के नामों को शामिल करते हुए आज एक याचिका दायर की गई है, जिस पर तत्परता से सुनवाई की आवश्यकता है।
शीर्ष अदालत ने 20 फरवरी को तीन दोषियों मुरूगन, संथन और अरिवु को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के निर्णय पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा कि इनकी रिहाई का फैसला करते समय राज्य सरकार ने प्रक्रियागत खामियां हुई हैं।
न्यायालय ने दया याचिका के निबटारे में अत्यधिक विलंब होने के आधार पर 18 फरवरी को इन तीनों की मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया था।
कोर्ट ने 20 फरवरी को कहा था कि इस हत्याकांड के चार अन्य दोषियों के मामले में केन्द्र को नयी याचिका दायर करनी होगी। इसके बाद ही केन्द्र ने नई याचिका दायर की। इसमें नलिनी, राबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन की रिहाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। तमिलनाडु सरकार ने 19 फरवरी को इस हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था।
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