कश्‍मीर की समस्‍याओं से असरदार तरीके से निपट रहा है केंद्र : NSA अजीत डोभाल

कश्‍मीर की समस्‍याओं से असरदार तरीके से निपट रहा है केंद्र : NSA अजीत डोभाल

राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कश्मीर की समस्याओं से हम वाक़िफ़ हैं, उनसे जूझ भी रहे हैं : डोभाल
  • अलगावादी नेताओं ने दो दिन और हड़ताल का कॉल दिया है
  • तीन दिन रुकी रहने के बाद फिर शुरू हुई अमरनाथ यात्रा
नई दिल्‍ली:

शुक्रवार को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद उबाल पर आई घाटी में अब तनाव भरा सन्नाटा है। सभी दस ज़िलों में कर्फ्यू लगा हुआ है। श्रीनगर से दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। सोमवार शाम को जो बैठक हुई उसमें गृह मंत्री के अलावा वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, आईबी प्रमुख और गृह सचिव शामिल थे।

मीटिंग के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभाल ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि घाटी में हालात सुधर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कहना है, "कल से हालत आज बेहतर हुए हैं और कल और अच्छे होंगे।" उन्होंने बताया, 'कश्मीर की समस्याओं से हम वाक़िफ़ हैं, उनसे जूझ भी रहे हैं।"

उधर घाटी में अलगावादी नेताओं ने दो दिन और हड़ताल का कॉल दिया है लेकिन सुरक्षा बलों का कहना है कि वो हालत से निपटने के लिए तैयार हैं। सोमवार को भी हंदवाड़ा में दो आतंकी मार गिराए गए और केरन में मुठभेड़ हुई।

इन सबके बीच तीन दिन रुकी रहने के बाद अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई। इसके पहले मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सबसे शांति बरतने की अपील की है। केंद्रिय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सभी राजनीतिक दलों के नुमाइंदों से बात की। रविवार को को राजनाथ सिंह ने सोनिया गांधी से बात की, जिन्होंने सोमवार को दो टूक लहजे में बयान जारी कर कहा - आतंकवादियों से सख़्ती से निपटा जाना चाहिए, लेकिन नागरिकों की मौत और और सुरक्षा बलों पर हमला दुखद है। पिछले दो दशक से राजनीतिक प्रक्रिया से जम्मू-कश्मीर को काफी कामयाबी मिली है और उसे खोना नहीं चाहिए।

कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि उनसे गृह मंत्री ने बात की है और उन्होंने गृह मंत्री से यही कहा है कि 'जब तक सुरक्षा बलों के ज़्यादा ताकत के इस्तेमाल और प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की घटनाएं बंद नहीं होतीं, हम इस चक्र को रोक नहीं सकते।

उधर केंद्र सरकार ने भी सोमवार को बैठक के बाद कश्मीर में शांति बहाली के लिए सीआरपीएफ की आठ और कंपनियां भेजी गईं। हालांकि कश्मीर को करीब से देखने वाले अफ़सरों का कहना है - वानी की मौत बस एक बहाना है। पिछले दिनों कई मुद्दे रहे जिनका असर वहां के माहौल पर था।

कश्मीर में सैनिकों की कॉलोनी बनाने के प्रस्ताव ने वहां भारी नाराजगी पैदा की। इसी तरह कश्मीरी पंडितों को किसी एक जगह बसाने के प्रस्ताव का वहां विरोध हो रहा है। राज्य की नई औद्योगिक नीति को लेकर भी विवाद जारी हैं। बुरहान वानी की मौत दरअसल अरसे बाद किसी लोकल और पहचाने हुए चेहरे की मौत है। अंदेशा ये है कि इस साल आतंकवाद से ख़ुद को दूर रखने वाले नौजवान फिर इस राह पर न लौटने लगें।


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