कृषि क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा से कहा है कि वे अगले मौसम से फसलों की एमएसपी (MSP) पर खरीद का पैसा सीधे किसानों के खाते में भेजें, हालांकि इस कदम का तीन कृषि कानूनों से संबंध नहीं है क्योंकि यह कदम यूपीए के समय से ही उठाया गया है. केंद्र सरकार का कहना है कि इससे आढ़तियों के कमीशन या मंडी शुल्क इत्यादि पर असर नहीं होगा. उन्हें पहले की तरह यह सब मिलता रहेगा, लेकिन किसानों को उनकी फसल का मूल्य बजाए आढ़तियों के, सरकार सीधे उन्हें दे.
ई- मोड से किसानों को भुगतान की व्यवस्था कई राज्यों में पहले से ही लागू है. हरियाणा में पिछले साल धान की खरीद इसी तरह की गई थी, लेकिन पंजाब में इसने अभी रफ्तार नहीं पकड़ी है. पंजाब और हरियाणा में गेहूं खरीद अगले कुछ सप्ताहों में शुरू होने वाली है. यूपी, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बायोमेट्रिक मॉडल से किसानों को भुगतान किया जाएगा.
इसे लेकर गुरुवार को खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय ने एक प्रजेंटेशन दिया था, जिसमें इन सुधारों का उल्लेख किया गया था. केंद्र सरकार के मुताबिक ई-मोड से भुगतान का लाभ फसल खरीद से जुड़े सभी लोगों को मिलेगा। इसमें किसान, आढ़तिए और मंडी इत्यादि शामिल हैं.
अभी तक की व्यवस्था के मुताबिक आढ़तिए किसान को एमएसपी का भुगतान करते हैं। ई मोड से भुगतान करने पर व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और इससे सबका लाभ होगा. सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह मौजूदा मंडी व्यवस्था के स्थान पर नहीं किया जा रहा है और यह व्यवस्था पहले की तरह चालू रहेगी. भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार सरकार किसानों को जाम (जनधन, आधार और मोबाइल) की ट्रिनिटी से सीधा लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तरह से पीएम किसान योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसमें किसानों को सीधे उनके खाते में पैसा मिलता है.
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