दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर (Corona Second Wave) में ज्यादा संख्या में हुई युवाओं की मौत का जिम्मेदार केंद्र सरकार (Modi Govt) को ठहराया है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी इमेज चमकाने के लिए वैक्सीन एक्सपोर्ट कर दी. अगर ये वैक्सीन युवाओं को दी जाती तो उनकी जान बच सकती थी. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में चौथी और देश में दूसरी लहर आई है. पूरे देश मे हाहाकार है और हम अपने लोगों को चाह कर भी नहीं बचा पा रहे हैं. शमशान में लोगों को जलाने की जगह नहीं है और इस बीच वैक्सीन एक उम्मीद बनकर आई थी. देश मे 2 वैक्सीन बनने के बावजूद हम देश के लोगों को नहीं बचा पा रहे हैं.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार वैक्सीन एक्सपोर्ट करने में लगी रही. 93 देशों में पिछले 3 महीने में भारत की साढ़े 6 करोड़ वैक्सीन बेची गयी है. 93 देशों में से 60% देश में कोरोना कंट्रोल में है. 88 देश में मौत के मामले कंट्रोल में हैं. वहीं भारत में मार्च से अबतक 1 लाख से ज्यादा मौत हो चुकी है और हम वैक्सीन अन्य देश में एक्सपोर्ट कर रहे हैं.
सिसोदिया यहीं नहीं रुके, उन्होंने केंद्र सरकार हमला करते हुए कहा कि अपनी इमेज बनाने के लिए अपने लोगों को मरने देना एक जघन्य अपराध है. उन्होंने सवाल किया कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नाम पर किस देश ने अपनी वैक्सीन को दूसरे देश को भेजी? केंद्र सरकार ने बड़ा अपराध किया है. दिल्ली में युवाओं के लिए साढ़े 5 लाख वैक्सीन दी गयी है. क्या हमारे युवाओं की जान की कीमत नहीं है?
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अपने देश को वैक्सीन देने के बारे में नहीं सोचा. वैक्सीनेशन के लिए लोग ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने के लिए 24 घंटे कंप्यूटर और मोबाइल पर बैठे रहते हैं. ये वैक्सीन की शॉर्टेज इसलिए है क्योंकि केंद्र सरकार ने इमेज चमकाने के लिए वैक्सीन एक्सपोर्ट कर दी. सिसोदिया ने कहा, केंद्र सरकार से मांग है कि वैक्सीन सबसे पहले देश के लोगों को दी जाए. केंद्र को दिल्ली और देश के लोगों को बचाने का काम करना चाहिए. दूसरी लहर में युवाओं की बड़ी संख्या में मौत हुई है. अगर उन्हें मार्च में वैक्सीन मिल जाती तो उनकी मौत नहीं होती. हम उन्हें बचा पाते.
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