केंद्र सरकार सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं ( public healthcare sector ) को बेहतर बनाने के लिए 23,220 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी कर रही है. इसमें बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा. इस योजना में जिला और उप जिला स्तर पर आईसीयू बेड, ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा भी बढ़ाई जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को जब संवाददाताओं को संबोधित किया तो इन सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे में सुधार की इस योजना का ब्योरा दिया.
ऐसे वक्त जब कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के बड़े पैमाने पर प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है, तब सरकार की ओर से यह पहल सामने आई है. सीतारमण ने कहा कि आवश्यकता को देखते हुए आपातकालीन तैयारियों के तहत बच्चों और महामारी से जुड़ी देखभाल की सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा.
सीतारमण ने कहा कि आईसीयू बेड (ICU beds), ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा को जिला और उप जिला स्तर पर सुनिश्चित किया जाएगा. इसमें बड़ी संख्या में मेडिकल छात्रों, नर्स, एंबुलेंस, मेडिकल ऑक्सीजन (medical oxygen), चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, टेली संपर्क और एंबुलेंस सेवाओं के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे. टेस्टिंग क्षमता, जीनोम सीक्वेंसिंग और निगरानी की क्षमता मजबूत की जाएगी.
वित्त मंत्री ने कोरोना से प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1.1 लाख करोड़ की लोन गारंटी योजना की घोषणा की है. इस योजना में अकेले 50,000 करोड़ हेल्थ सेक्टर के लिए दिया जा रहा है, बाकी 60,000 करोड़ अन्य क्षेत्रों में दिया जाएगा. स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 100 करोड़ का अधितकम ऋण राशि रखी गई है. अधिकतम ब्याज दर 7.95 फीसदी पर होगा. दूसरे क्षेत्रोंके लिए अधिकतम ब्याज दर 8.25% रखा गया है. कवरेज में जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जाएगा.
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