बेंगलुरू:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में उठे विवाद से नाराज चल रहे वैज्ञानिक समुदाय पर मलहम लगाते हुए सरकार ने अपना सुर नरम किया और कहा कि वैज्ञानिक समुदाय राष्ट्रीय संपदा है और उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
इसरो के देवास एंट्रिक्स सौदा मामले में सरकार ने हाल ही में चार अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को सरकारी पदों पर पुन:नियुक्ति से वंचित कर दिया है।
केंद्रीय कोरपोरेट मामले मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने एक सवाल के जवाब में बीके चतुर्वेदी के बयान का हवाला दिया। इस सौदे की जांच करने वाले चतुर्वेदी ने कहा है कि इस सौदे में कोई अपराधिता नहीं है और न ही धन की कोई हेराफेरी हुई है। चतुर्वेदी का यह बयान मीडिया की सुर्खियों में है।
पूर्व कानून मंत्री मोइली ने कहा, ‘हो सकता है कि इन चारों वैज्ञानिकों ने कुछ निश्चित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया हो और इसी के कारण उनकी गलती मानी जा रही है।’
इसरो के देवास एंट्रिक्स सौदा मामले में सरकार ने हाल ही में चार अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को सरकारी पदों पर पुन:नियुक्ति से वंचित कर दिया है।
केंद्रीय कोरपोरेट मामले मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने एक सवाल के जवाब में बीके चतुर्वेदी के बयान का हवाला दिया। इस सौदे की जांच करने वाले चतुर्वेदी ने कहा है कि इस सौदे में कोई अपराधिता नहीं है और न ही धन की कोई हेराफेरी हुई है। चतुर्वेदी का यह बयान मीडिया की सुर्खियों में है।
पूर्व कानून मंत्री मोइली ने कहा, ‘हो सकता है कि इन चारों वैज्ञानिकों ने कुछ निश्चित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया हो और इसी के कारण उनकी गलती मानी जा रही है।’