केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सरकार ने विज्ञापनों से जुड़े सेलिब्रिटीज को जवाबदेह बनाने की कवायद शुरू कर दी है। मंगलवार को सेन्ट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन काउंसिल की बैठक में तय किया गया कि अब भ्रामक विज्ञापनों के लिए उसमें शामिल सेलिब्रिटीज को भी जिम्मेदार माना जाएगा। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को इसका ऐलान किया।
ब्रांड एम्बैसेडर के लिए गाइडलाइंस
उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सीसीपीसी की बैठक के बाद कहा, 'परिषद का नजरिया है कि भ्रामक विज्ञापनों के लिए उनसे जुड़ी नामी हस्तियों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।' पासवान सीसीपीसी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि परिषद का यह भी मानना है कि ब्रांड एम्बैसेडर के लिए गाइडलाइंस होना चाहिए।
संसद को जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट
मंत्री ने कहा कि इन प्रमुख हस्तियों को किसी उत्पाद/सेवा का प्रचार का जिम्मा संभालने से पहले दो बार सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर कोई विज्ञापन कहता है कि कोई व्यक्ति किसी खास उत्पाद का सेवन कर छह महीनों में लंबा हो सकता है तो क्या यह संभव है?' तेलुगू देशम पार्टी के सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी की अगुवाई वाली एक संसदीय स्थायी समिति भ्रामक विज्ञापन वाले मामलों पर गौर कर रही है और वह जल्द ही संसद को एक रिपोर्ट सौंपेगी। सूत्रों के अनुसार भ्रामक विज्ञापनों का प्रचार करने वाले गणमान्य हस्तियों के लिए समिति भारी जुर्माना और पांच साल तक के जेल की सजा सिफारिश कर सकती है।
भारी जुर्माना और जेल संभव
सूत्रों ने कहा कि पहली बार गलती करने पर समिति 10 लाख रुपये का जुर्माना या दो वर्ष तक जेल की सजा अथवा दोनों की सिफारिश कर सकती है। दूसरी बार गलती होने पर 50 लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल के जेल की सजा की सिफारिश करने का विचार है।
आम्रपाली का मुद्दा
गौरतलब है कि पिछले दिनों नाराज ग्राहकों के सोशल मीडिया अभियान के चलते क्रिकेट खिलाड़ी एमएस धोनी को रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के ब्रांड एम्बैसेडर का अनुबंध खत्म करना पड़ा। इसी तरह कई हस्तियां जनता की आलोचना का शिकार हो चुकी हैं।
भारत की मौजूदा उपभोक्ता क्रांति जैसे सितारों के कंधों पर ही चली आ रही है। देश के 15 बड़े सितारों की सालाना ब्रैंड वैल्यू पांच हजार करोड़ रुपये से ऊपर की है। इनमें खेल और अभिनय से जुड़े सारे बड़े नाम हैं। अब इनको उन उत्पादों की भी जिम्मेदारी लेनी होगी, जिसका ये प्रचार करेंगे।
'दिल्ली में पेयजल सुरक्षित नहीं'
पासवान ने कहा कि दिल्ली में नलों में सप्लाई होने वाला पानी पीने लायक नहीं है और लोगों को साफ पानी सप्लाई करने के लिए व्यवस्था में बदलाव जरूरी है। सेन्ट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन काउंसिल की बैठक में ये भी तय किया गया कि दिल्ली में पीने के पानी की गुणवत्ता को बहाल रखने के लिए तय मानकों को लागू करने का अधिकार फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपा जाए। (इनपुट भाषा से)
ब्रांड एम्बैसेडर के लिए गाइडलाइंस
उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सीसीपीसी की बैठक के बाद कहा, 'परिषद का नजरिया है कि भ्रामक विज्ञापनों के लिए उनसे जुड़ी नामी हस्तियों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।' पासवान सीसीपीसी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि परिषद का यह भी मानना है कि ब्रांड एम्बैसेडर के लिए गाइडलाइंस होना चाहिए।
संसद को जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट
मंत्री ने कहा कि इन प्रमुख हस्तियों को किसी उत्पाद/सेवा का प्रचार का जिम्मा संभालने से पहले दो बार सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर कोई विज्ञापन कहता है कि कोई व्यक्ति किसी खास उत्पाद का सेवन कर छह महीनों में लंबा हो सकता है तो क्या यह संभव है?' तेलुगू देशम पार्टी के सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी की अगुवाई वाली एक संसदीय स्थायी समिति भ्रामक विज्ञापन वाले मामलों पर गौर कर रही है और वह जल्द ही संसद को एक रिपोर्ट सौंपेगी। सूत्रों के अनुसार भ्रामक विज्ञापनों का प्रचार करने वाले गणमान्य हस्तियों के लिए समिति भारी जुर्माना और पांच साल तक के जेल की सजा सिफारिश कर सकती है।
भारी जुर्माना और जेल संभव
सूत्रों ने कहा कि पहली बार गलती करने पर समिति 10 लाख रुपये का जुर्माना या दो वर्ष तक जेल की सजा अथवा दोनों की सिफारिश कर सकती है। दूसरी बार गलती होने पर 50 लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल के जेल की सजा की सिफारिश करने का विचार है।
आम्रपाली का मुद्दा
गौरतलब है कि पिछले दिनों नाराज ग्राहकों के सोशल मीडिया अभियान के चलते क्रिकेट खिलाड़ी एमएस धोनी को रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के ब्रांड एम्बैसेडर का अनुबंध खत्म करना पड़ा। इसी तरह कई हस्तियां जनता की आलोचना का शिकार हो चुकी हैं।
भारत की मौजूदा उपभोक्ता क्रांति जैसे सितारों के कंधों पर ही चली आ रही है। देश के 15 बड़े सितारों की सालाना ब्रैंड वैल्यू पांच हजार करोड़ रुपये से ऊपर की है। इनमें खेल और अभिनय से जुड़े सारे बड़े नाम हैं। अब इनको उन उत्पादों की भी जिम्मेदारी लेनी होगी, जिसका ये प्रचार करेंगे।
'दिल्ली में पेयजल सुरक्षित नहीं'
पासवान ने कहा कि दिल्ली में नलों में सप्लाई होने वाला पानी पीने लायक नहीं है और लोगों को साफ पानी सप्लाई करने के लिए व्यवस्था में बदलाव जरूरी है। सेन्ट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन काउंसिल की बैठक में ये भी तय किया गया कि दिल्ली में पीने के पानी की गुणवत्ता को बहाल रखने के लिए तय मानकों को लागू करने का अधिकार फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपा जाए। (इनपुट भाषा से)
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