कार्ति चिदंबरम(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में शुक्रवार को कार्ति चिदंबरम की हिरासत की अवधि तीन दिन के लिए और बढ़ा दी. कार्ति कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र हैं. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने हिरासत की अवधि बढ़ाते हुए कहा कि कार्ति की जमानत याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई होगी. इससे पहले, सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम की हिरासत की अवधि पूरी होने पर शुक्रवार उन्हें अदालत में पेश किया था. सीबीआई ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ नए ‘आपत्तिजनक सामग्री’ का पता चला है. कार्ति चिदंबरम 28 फरवरी से सीबीआई हिरासत में हैं. सीबीआई ने उन्हें चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था.
अदालत में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी न्यायिक हिरासत छह और दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि मामले से संबद्ध एक सीडी बरामद हुई है, जिसे जांच के लिए सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) भेजने की आवश्यकता है.
यह भी पढ़ें : INX मीडिया मामले में कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली कोई अंतरिम राहत
एएसजी ने कहा कि उनके खिलाफ नई आपत्तिजनक सामग्री का पता चला है और उन्हें इनका जवाब देना होगा. हालांकि वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछताछ के लिए कार्ति की न्यायिक हिरासतअवधि बढ़ाने के अनुरोध का विरोध किया. सिंघवी कांग्रेस नेता भी हैं. सिंघवी ने कार्ति की ओर से कहा, ‘मेरे( कार्ति के) लिए यह बहुत दुखद है. मेरी रिमांड के लिए उनके पास कोई नया कारण नहीं है. वे हर बार नया कारण ढूंढ रहे हैं.
सीबीआई को हर दिन और हर मिनट रिमांड को सही ठहराना पड़ता है.’ अपने वकील के जरिए कार्ति ने कहा कि यह 10 साल पुराना मामला है और उनके पास सभी दस्तावेज हैं लेकिन फिर भी ‘सिर्फ मुझे उत्पीड़ित करने के लिए ही उन्हें मेरी न्यायिक हिरासत चाहिए.’ कार्ति के मामले में सुनवाई शुरू करने से पहले अदालत ने उनके सीए एस भास्कररमण की न्यायिक हिरासत 22 मार्च तक बढ़ा दी. इस मामले में भास्कररमण को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के आरोप का प्रतिवाद करते हुए कार्ति ने अपनी जमानत याचिका में यह दावा किया कि उन्होंने कभी भी गवाहों को प्रभावित करने, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश नहीं की.
VIDEO : कार्ति के खिलाफ नए सबूत : सीबीआई
इससे पहले, अदालत से उन्होंने सीबीआई पर यह आरोप लगाते हुए जमानत मांगी थी कि सीबीआई उनके पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से केंद्र के इशारे पर काम कर रही है. पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिली थी. कार्ति ने दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी ‘गैरकानूनी’ है. हालांकि सीबीआई ने इस आधार पर उनकी जमानत याचिका का विरोध किया कि जांच अभी अहम चरण पर पहुंच गया है और समूचे आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले को उजागर करने के लिए उनसे पूछताछ जरूरी है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अदालत में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी न्यायिक हिरासत छह और दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि मामले से संबद्ध एक सीडी बरामद हुई है, जिसे जांच के लिए सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) भेजने की आवश्यकता है.
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एएसजी ने कहा कि उनके खिलाफ नई आपत्तिजनक सामग्री का पता चला है और उन्हें इनका जवाब देना होगा. हालांकि वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछताछ के लिए कार्ति की न्यायिक हिरासतअवधि बढ़ाने के अनुरोध का विरोध किया. सिंघवी कांग्रेस नेता भी हैं. सिंघवी ने कार्ति की ओर से कहा, ‘मेरे( कार्ति के) लिए यह बहुत दुखद है. मेरी रिमांड के लिए उनके पास कोई नया कारण नहीं है. वे हर बार नया कारण ढूंढ रहे हैं.
सीबीआई को हर दिन और हर मिनट रिमांड को सही ठहराना पड़ता है.’ अपने वकील के जरिए कार्ति ने कहा कि यह 10 साल पुराना मामला है और उनके पास सभी दस्तावेज हैं लेकिन फिर भी ‘सिर्फ मुझे उत्पीड़ित करने के लिए ही उन्हें मेरी न्यायिक हिरासत चाहिए.’ कार्ति के मामले में सुनवाई शुरू करने से पहले अदालत ने उनके सीए एस भास्कररमण की न्यायिक हिरासत 22 मार्च तक बढ़ा दी. इस मामले में भास्कररमण को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के आरोप का प्रतिवाद करते हुए कार्ति ने अपनी जमानत याचिका में यह दावा किया कि उन्होंने कभी भी गवाहों को प्रभावित करने, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश नहीं की.
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इससे पहले, अदालत से उन्होंने सीबीआई पर यह आरोप लगाते हुए जमानत मांगी थी कि सीबीआई उनके पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से केंद्र के इशारे पर काम कर रही है. पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिली थी. कार्ति ने दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी ‘गैरकानूनी’ है. हालांकि सीबीआई ने इस आधार पर उनकी जमानत याचिका का विरोध किया कि जांच अभी अहम चरण पर पहुंच गया है और समूचे आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले को उजागर करने के लिए उनसे पूछताछ जरूरी है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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