घरेलू उड़ानों में यात्रियों के सामान के गुम होने की शिकायतें बढ़ीं: डीजीसीए 

डीजीसीए के अनुसार इस साल जून में दर्ज कुल शिकायतों में से 27.5 प्रतिशत इससे संबंधित थीं.

घरेलू उड़ानों में यात्रियों के सामान के गुम होने की शिकायतें बढ़ीं: डीजीसीए 

डीजीसीए ने अपनी रिपोर्ट ने सामान गुम होने का किया जिक्र

नई दिल्ली:

विमानन नियामक डीजीसीए के मुताबिक देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर घरेलू यात्रियों के सामान इधर - उधर होने के मामलों में कोई कमी नहीं आई है. डीजीसीए के अनुसार इस साल जून में दर्ज कुल शिकायतों में से 27.5 प्रतिशत इससे संबंधित थीं. जबकि पिछले साल इसी समय की तुलना करें तो ऐसे मामलों में दस प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है. जबकि साल 2017 के जून में 16.6 फीसदी और 2016 के उसी महीने में दर्ज किये गए कुल मामलों में से 19.7 प्रतिशत सामान के इधर - उधर होने से संबंधित थे. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा है कि इस साल अप्रैल में यह आंकड़ा 21 प्रतिशत रहा था जो मई में बढ़कर 23.9 फीसदी पर पहुंच गया था.

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निदेशालय के मुताबिक पिछले साल के जून महीने के मुकाबले इस साल 17.57 लाख अधिक लोगों ने हवाई यात्रा की. पिछले साल जून में 95.68 लाख लोगों ने विमान से यात्री की, जबकि इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 1.13 करोड़ से अधिक हो गया. विमानन उद्योग से जुड़े सूत्रों ने सामान के इधर - उधर होने के लिए विमान पर गलती से बैग नहीं लादे जाने , टैगिंग में गलती और तकनीकी खामियों को जिम्मेदार बताया है.गौरतलब है कि डीजीसीए ने कुछ महीने पहले ही घरेलू विमान से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या को लेकर एक रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट के अनुसार जून में 18.36 फीसदी बढ़ गई है. आधिकारिक आंकड़ों से मंगलवार को यह जानकारी मिली.

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नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन माह में घरेलू विमानन कंपनियों से कुल 1.13 करोड़ यात्रियों ने आवाजाही की, जबकि साल 2017 के जून में यह आंकड़ा 95.68 था. हालांकि, क्रमिक आधार पर यात्रियों की आवाजाही में 5.04 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह संख्या मई में 1.19 करोड़ थी, जबकि अप्रैल में 1.15 करोड़ थी. डीजीसीए ने बताया कि जनवरी-जून (2018) की अवधि में यात्रियों की आवाजाही में 22 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.

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डीजीसीए ने अपनी मासिक घरेलू यात्री आवाजाही रिपोर्ट में कहा, "इस साल जनवरी-जून की अवधि में घरेलू विमानन कंपनियों द्वारा कुल 6.84 करोड़ यात्रियों ने आवाजाही की, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह संख्या 5.61 करोड़ थी. इस लिहाज से इसमें 21.95 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है."आंकड़ों से पता चलता है कि किफायती विमानन कंपनी स्पाइस जेट का सबसे अधिक पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) रहा, जोकि 93.3 फीसदी था.

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पीएलएफ से ही विमानन कंपनियों की क्षमता के दोहन को मापा जाता है.स्पाइसजेट की मुख्य बिक्री और राजस्व अधिकारी शिल्पा भाटिया ने कहा, "लगातार 39वें महीने हमारा पीएलएफ देश में सबसे अधिक रहा है. इसने भारतीय विमानन बाजार में ब्रांड वरीयता में एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है."(इनपुट भाषा से) 


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