जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
श्रीनगर:
जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार हाल में चार माह तक चले उत्पात के दौरान गिरफ्तार किए युवकों के खिलाफ मामलों की समीक्षा करेगी और जो पहली बार पत्थरबाजी करने में गिरफ्तार किए गए उनके खिलाफ नरम रुख अपनाएगी.
उन्होंने कहा, 'हमलोग उन मामलों की समीक्षा करेंगे जिनमें छात्र और पहली बार ऐसा करने वाले शामिल होंगे. हमलोग उनके माता-पिता से बात करेंगे और उनकी ओर से यह भरोसा लेंगे कि उनका बच्चा भविष्य में प्रदर्शन में भाग नहीं लेगा.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम लोगों को गिरफ्तार करते नहीं रह सकते. स्थिति को संभालने के लिए एक अलग एवं सहानुभूति रखने वाली योजना चाहिए.' वह संभागीय एवं जिला स्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित कर रही थीं.
उन्होंने नागरिक एवं पुलिस प्रशासन को जनता के जख्मों को भरने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा. महबूबा ने कहा, 'कश्मीर ने पिछले कुछ महीनों से बहुत दर्दनाक और हताशा वाले हालात को देखा है. अब जब स्थिति सामान्य हो रही है तो हमलोगों को जनता को उस दुख, जटिल स्थिति से बाहर निकालने और उनके जख्मों को भरने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनानी चाहिए.
उन्होंने अधिकारियों से जो मर गए या घायल हैं उनके परिवार वालों से संपर्क बनाने की कोशिश करनी चाहिए. इसके साथ ही ऐसी रणनीति भी बनानी चाहिए ताकि उनका दुख कम हो सके.
कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाने की घटना पर गंभीर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज को बहुत अधिक नुकसान होता है खासकर ऐसे समय में जब विकास की प्रक्रिया हालात के कारण रुकी हुई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, 'हमलोग उन मामलों की समीक्षा करेंगे जिनमें छात्र और पहली बार ऐसा करने वाले शामिल होंगे. हमलोग उनके माता-पिता से बात करेंगे और उनकी ओर से यह भरोसा लेंगे कि उनका बच्चा भविष्य में प्रदर्शन में भाग नहीं लेगा.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम लोगों को गिरफ्तार करते नहीं रह सकते. स्थिति को संभालने के लिए एक अलग एवं सहानुभूति रखने वाली योजना चाहिए.' वह संभागीय एवं जिला स्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित कर रही थीं.
उन्होंने नागरिक एवं पुलिस प्रशासन को जनता के जख्मों को भरने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा. महबूबा ने कहा, 'कश्मीर ने पिछले कुछ महीनों से बहुत दर्दनाक और हताशा वाले हालात को देखा है. अब जब स्थिति सामान्य हो रही है तो हमलोगों को जनता को उस दुख, जटिल स्थिति से बाहर निकालने और उनके जख्मों को भरने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनानी चाहिए.
उन्होंने अधिकारियों से जो मर गए या घायल हैं उनके परिवार वालों से संपर्क बनाने की कोशिश करनी चाहिए. इसके साथ ही ऐसी रणनीति भी बनानी चाहिए ताकि उनका दुख कम हो सके.
कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाने की घटना पर गंभीर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज को बहुत अधिक नुकसान होता है खासकर ऐसे समय में जब विकास की प्रक्रिया हालात के कारण रुकी हुई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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