लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार ने अलीगढ़ के टप्पल में साल 2010 में पुलिस से झड़प के बाद 24 किसानों पर दर्ज आपराधिक मुकदमे शुक्रवार को वापस लेने के आदेश जारी किए हैं।
राज्य सरकार ने कहा कि अगस्त 2010 में अलीगढ़ के टप्पल जिकरपुर गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कुछ निर्दोष किसानों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज कर लिए गए थे। जांच के दौरान पाया गया कि जिला प्रशासन ने किसानों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए थे।
राज्य सरकार ने कहा कि जांच के दौरान यह भी पाया कि अपने हितों की रक्षा के लिए शांतिपूर्वक प्रदशर्न कर रहे किसानों पर बल का भी प्रयोग किया गया। बाद में किसानों पर आपराधिक मुकदमे भी दर्ज करा दिए। किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने में नागरिक हितों का उल्लंघन किया गया और अभियुक्तों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा।
राज्य सरकार ने कहा कि जांच में पाया गया कि अलीगढ़ के टप्पल में हुए आंदोलन में हुई हिंसक घटनाएं आपराधिक हिंसा की श्रेणी में नहीं आती हैं। इस घटना में जिन 24 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनके खिलाफ सभी गवाह, वादी व विवेचक सरकारी हैं अर्थात हितबद्ध की श्रेणी में आते हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि किसानों के खिलाफ यह मुकदमे एकपक्षीय हैं।
राज्य सरकार ने पाया कि यह आंदोलन किसान अपने हितों की रक्षा के लिए कर रहे थे। सरकार ने सम्यक विचार के बाद इन किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने का आदेश जारी कर दिया।
राज्य सरकार ने कहा कि अगस्त 2010 में अलीगढ़ के टप्पल जिकरपुर गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कुछ निर्दोष किसानों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज कर लिए गए थे। जांच के दौरान पाया गया कि जिला प्रशासन ने किसानों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए थे।
राज्य सरकार ने कहा कि जांच के दौरान यह भी पाया कि अपने हितों की रक्षा के लिए शांतिपूर्वक प्रदशर्न कर रहे किसानों पर बल का भी प्रयोग किया गया। बाद में किसानों पर आपराधिक मुकदमे भी दर्ज करा दिए। किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने में नागरिक हितों का उल्लंघन किया गया और अभियुक्तों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा।
राज्य सरकार ने कहा कि जांच में पाया गया कि अलीगढ़ के टप्पल में हुए आंदोलन में हुई हिंसक घटनाएं आपराधिक हिंसा की श्रेणी में नहीं आती हैं। इस घटना में जिन 24 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनके खिलाफ सभी गवाह, वादी व विवेचक सरकारी हैं अर्थात हितबद्ध की श्रेणी में आते हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि किसानों के खिलाफ यह मुकदमे एकपक्षीय हैं।
राज्य सरकार ने पाया कि यह आंदोलन किसान अपने हितों की रक्षा के लिए कर रहे थे। सरकार ने सम्यक विचार के बाद इन किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने का आदेश जारी कर दिया।