नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने तथाकथित रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार के एक मामले में सोमवार को समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली एवं अन्य दो के खिलाफ आरोप तय किए।
तीनों पर मुकदमा 20 अप्रैल से चलेगा।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश कंवलजीत अरोड़ा ने ताप संवेदनशील उपकरण 'थर्मल इमेजर' की तथाकथित खरीद में भ्रष्टाचार के कारण जया जेटली, उनके पूर्व पार्टी सहयोगी गोपाल पचेरवाल तथा मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एसपी मुरगई के खिलाफ आरोप तय किए।
न्यायाधीश ने कहा, "सुरेंद्र कुमार सुरेखा (इन्हें गवाह बनाया गया है) सहित आप तीनों दिसम्बर 2000 से जनवरी 2001 तक दिल्ली में थे, आप सभी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल थे, इसलिए आपको वादी बनाया गया है।"
यह मामला जनवरी 2001 में समाचार पोर्टल 'तहलका डॉट कॉम' पर प्रसारित एक स्टिंग आपरेशन से उजागर हुआ था।
अदालत ने पाया कि आरोपियों ने वेस्टएंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि मैथ्यू सैमुएम से अवैध पारितोषिक स्वीकार किया था।
न्यायाधीश ने कहा कि अवैध पारितोषिक सेना से थर्मल इमेजर की आपूर्ति के आदेश दिलाने के एवज में स्वीकार किया गया था। उन्होंने कहा, "आप सभी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत दंडनीय अपराध किया है। भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 9 के तहत आपने सरकारी पद कर रहते हुए व्यक्तिगत प्रभाव की बदौलत अवैध पारितोषिक ग्रहण किया। यह मेरे संज्ञान में है।"
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जया जेटली ने दो लाख रुपये स्वीकार या प्राप्त किए।
इस मामले के तीनों आरोपियों ने अदालत में कहा कि वे दोषी नहीं हैं। अदालत ने सुनवाई की तारीख 20 अप्रैल तय की।
सीबीआई ने जया जेटली तथा अन्य दो आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2006 में आरोपपत्र दाखिल किया था।
तीनों पर मुकदमा 20 अप्रैल से चलेगा।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश कंवलजीत अरोड़ा ने ताप संवेदनशील उपकरण 'थर्मल इमेजर' की तथाकथित खरीद में भ्रष्टाचार के कारण जया जेटली, उनके पूर्व पार्टी सहयोगी गोपाल पचेरवाल तथा मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एसपी मुरगई के खिलाफ आरोप तय किए।
न्यायाधीश ने कहा, "सुरेंद्र कुमार सुरेखा (इन्हें गवाह बनाया गया है) सहित आप तीनों दिसम्बर 2000 से जनवरी 2001 तक दिल्ली में थे, आप सभी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल थे, इसलिए आपको वादी बनाया गया है।"
यह मामला जनवरी 2001 में समाचार पोर्टल 'तहलका डॉट कॉम' पर प्रसारित एक स्टिंग आपरेशन से उजागर हुआ था।
अदालत ने पाया कि आरोपियों ने वेस्टएंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि मैथ्यू सैमुएम से अवैध पारितोषिक स्वीकार किया था।
न्यायाधीश ने कहा कि अवैध पारितोषिक सेना से थर्मल इमेजर की आपूर्ति के आदेश दिलाने के एवज में स्वीकार किया गया था। उन्होंने कहा, "आप सभी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत दंडनीय अपराध किया है। भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 9 के तहत आपने सरकारी पद कर रहते हुए व्यक्तिगत प्रभाव की बदौलत अवैध पारितोषिक ग्रहण किया। यह मेरे संज्ञान में है।"
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जया जेटली ने दो लाख रुपये स्वीकार या प्राप्त किए।
इस मामले के तीनों आरोपियों ने अदालत में कहा कि वे दोषी नहीं हैं। अदालत ने सुनवाई की तारीख 20 अप्रैल तय की।
सीबीआई ने जया जेटली तथा अन्य दो आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2006 में आरोपपत्र दाखिल किया था।
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