
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पंजाब सरकार (Punjab Government) और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को हत्या, गैंगस्टर एक्ट आदि से जुड़े 10 मामलों में यूपी (UP) के समक्ष पेश होने के लिए अंसारी की हिरासत यूपी को देने की अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. यूपी सरकार ने तर्क दिया है कि अंसारी के खिलाफ यूपी में गंभीर आरोप लंबित हैं. वह "मामूली मामले" में दो साल तक पंजाब में रहे हैं.
यूपी सरकार ने कहा है कि या तो अंसारी को मुकदमे का सामना करने के लिए यूपी में स्थानांतरित किया जाए, या यदि चार्जशीट दायर की गई है तो पंजाब का मामला यूपी में स्थानांतरित किया जाए. यूपी ने आरोप लगाया कि पंजाब में अब तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. अंसारी "संघीय ढांचे के साथ खेलने" और सीआरपीसी के प्रावधानों का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब को साथ ही अंसारी की मेडिकल कंडीशन पर भी जवाब देना है.
दरअसल पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रोपड़ जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया था. यूपी सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर को ये नोटिस जारी किया था. माफिया विधायक मुख्तार अंसारी को कोर्ट में विचाराधीन मामले में पेश कराने की योगी सरकार की योजना पर पंजाब के रोपड़ जिले की पुलिस तथा रोपड़ जेल के अधीक्षक ने नोटिस लेने के बाद जवाब दाखिल करने की योजना बताकर गाजीपुर पुलिस को खाली हाथ भेजा था.
पंजाब पुलिस ने तर्क दिया कि मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसे उत्तर प्रदेश नहीं भेजा जा सकता है. बीमारी के कारण बीएसपी के विधायक मुख्तार अंसारी का लम्बी यात्रा करना संभव नहीं है.
गाजीपुर पुलिस की टीम सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेकर पंजाब के रोपड़ जेल पहुंची थी. यूपी पुलिस ने रोपड़ जेल अधीक्षक को नोटिस रिसीव कराया, जहां के जेल अधीक्षक ने कोर्ट में जवाब दायर करने को कहा है. मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देकर पंजाब पुलिस ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने से मना कर दिया.
मुख्तार अंसारी को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बांदा से पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. उसे पंजाब में दर्ज रंगदारी के एक मामले में रोपड़ जेल लाया गया था.
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