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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असहज सवालों पर नाराज होकर शुक्रवार रात बातचीत पर आधारित एक टीवी कार्यक्रम से उठकर चली गईं।
बनर्जी ने जादवपुर विश्वविद्यालय के अम्बिकेश महापात्रा की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा, "हमें कार्टून पसंद हैं लेकिन उन्होंने जो लोगों को भेजा है, वह कार्टून नहीं है। वह (प्रोफेसर) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के आदमी हैं। उन्होंने निवासियों से अनुमति लिए बगैर हाउसिंग सोसायटी के ई-मेल का दुरुपयोग किया।"
ज्ञात हो कि लगभग 50 वर्ष की उम्र के भौतिक रसायनशास्त्र के प्रोफेसर महापात्रा को पिछले महीने कथित तौर पर बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के निंदात्मक काटरून लोगों को ई-मेल के जरिए भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
एक अंग्रेजी समाचार चैनल द्वारा आयोजित बातचीत के सत्र में बनर्जी ने कहा, "कार्टून में जो संदेश है, उसका आशय है कि मैं अदृश्य हो जाऊंगी। यह मेरी हत्या की एक राजनीतिक साजिश है।"
जादवपुर विश्वविद्यालय के एक छात्र ने जब सवाल पूछना चाहा तब बनर्जी ने तुरंत पलटकर सवाल किया, "यहां अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र क्यों नहीं हैं? राज्य में तो कई विश्वविद्यालय हैं।" उन्होंने छात्र से यहां तक पूछ लिया कि कहीं वह नक्सली तो नहीं है। छात्र ने फौरन जवाब दिया, "मैं नक्सली नहीं हूं।"
जब कहा गया कि बनर्जी ने नक्सली नेता चेरुकुरी राजकुमार उर्फ आजाद की हत्या के बाद नक्सलियों का समर्थन किया था, तब बनर्जी ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा, "यह बात सही नहीं है। हमने नक्सलियों का समर्थन नहीं किया।"
सवालों से आजिज आकर बनर्जी ने तुरंत दर्शक दीर्घा में बैठे छात्रों की ओर इशारा करते हुए कहा, "वे माकपा के कार्यकर्ता हैं। मैं उनके सवालों के जवाब नहीं देने जा रही हूं। मैं उन्हीं सवालों के जवाब दूंगी जो आम लोगों की ओर आएंगे। मुझे आपको माकपा के लोग कहते हुए दुख हो रहा है। आप स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ता हैं।"
गुस्से में कार्यक्रम से निकलते समय बनर्जी ने संचालक से कहा, "आपने मुझे पहले नहीं बताया कि यहां माकपा के लोग होंगे।"
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