नई दिल्ली:
कथित कोल-गेट घोटाले को उजागर करने वाली सीएजी की रिपोर्ट को रद्द करने के लिए दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीएजी को मुनीम का दफ्तर नहीं है, यह एक संवैधानिक संस्था है। और यदि सीएजी ने दायरों का उल्लंघन किया तो यह देखना संसद का काम है।
गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट के बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ और पूरा शीत सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने सरकार से मांग की थी सभी 142 आवंटर रद्द कर दिए जाएं और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। इस पूरे प्रकरण में सरकार का कहना था कि सीएजी की रिपोर्ट में पेश आंकड़े भ्रामक हैं और वास्तविक्ता में इस पूरे आवंटन में कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं दूसरे शब्दों में सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटन के मामले में किसी प्रकार के घोटाले से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीएजी को मुनीम का दफ्तर नहीं है, यह एक संवैधानिक संस्था है। और यदि सीएजी ने दायरों का उल्लंघन किया तो यह देखना संसद का काम है।
गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट के बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ और पूरा शीत सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने सरकार से मांग की थी सभी 142 आवंटर रद्द कर दिए जाएं और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। इस पूरे प्रकरण में सरकार का कहना था कि सीएजी की रिपोर्ट में पेश आंकड़े भ्रामक हैं और वास्तविक्ता में इस पूरे आवंटन में कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं दूसरे शब्दों में सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटन के मामले में किसी प्रकार के घोटाले से इनकार कर दिया।
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