केंद्र सरकार ने शिक्षा नीति को मंजूरी देने के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलने का फैसला किया है. आधिकारिक स्तर पर यह जानकारी दी गई. मंंत्रालय का नाम अब पहले की ही तरह शिक्षा मंत्रालय रखा जा सकता है. नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बुधवार को होने वाली बैठक में इस बारे में निर्णय लिए जाने की संभावना है. गौरतलब है कि मानव संसाधन मंत्रालय का नाम पहले शिक्षा मंत्रालय ही होता था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बदलकर इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ सहयोगी संगठनों की माँग थी कि नाम वापस शिक्षा मंत्रालय रखा जाए.
इसमें उच्च शिक्षा के लिए एक ही रेग्यूलेटरी बॉडी बनाने का प्रस्ताव है.इससे उच्च शिक्षा क्षेत्र में कई तरह की अलग अलग रेग्यूलेटरी व्यवस्थाओं से निजात मिलेगी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने National Higher Education Regulatory Authority (NHERA) या Higher Education Commission of India बनाने की बात कही है. राज्यों में स्टेट स्कूल स्टेंडर्डस अथॉरिटी (State School Standards Authority) बनाने का प्रस्ताव है जो स्कूल फ़ीस जैसे विवादित विषयों से लेकर सभी मुद्दों पर नजर रखेंगे. नई नीति में त्रिभाषा फ़ार्मूले को ही जारी रखने पर जोर है. पांच वर्ष की उम्र तक शिक्षा से जुड़े विषयों का दायित्व महिला और बाल विकास मंत्रालय के पास रहेगा और उसके बाद एचआरडी मंत्रालय के तहत स्कूल शिक्षा विभाग देखेगा.
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