देश में बैटरी स्टोरेज इक्विपमेंट्स के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने एक नयी योजना “राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैट्री भंडारण कार्यक्रम” को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी. इस योजना के तहत 50 गीगावॉट ऑवर्स (गीगावॉट ऑवर्स का अर्थ एक घंटे में एक अरब वॉट ऊर्जा प्रति घंटा निर्माण करना है) और पांच गीगावॉट ऑवर्स की “उपयुक्त” एसीसी बैट्री की निर्माण क्षमता तय किया गया है.
इसके लिए 18,100 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. कैबिनेट की तरफ से जारी एक नोट के मुताबिक इस कार्यक्रम के तहत भारत में कुल 50 गीगावॉट ऑवर्स की एसीसी निर्माण सुविधा की स्थापना का लक्ष्य है. एसीसी बैट्री भंडारण निर्माण परियोजनाओं में लगभग 45,000 करोड़ रुपये के निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इससे बैटरी स्टोरेज इक्विपमेंट सेक्टर में आयत पर निर्भरता घटेगी.
सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा की भारत में अभी करीब 20000 करोड़ बैटरी स्टोरेज इक्विपमेंट आयत किया जाता है. जावड़ेकर के मुताबिक इस योजना के कार्यान्वित होने से एसीसी बैट्री निर्माण से विद्युत इलेक्ट्रिक गाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी, जिसके कारण 2,00,000 करोड़ रुपये से 2,50,000 करोड़ रुपये की बचत होगी. इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की भारतीय बाजार में मांग बढ़ेगी, जिनसे कम प्रदूषण होता है.
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