गुजरात के अहमदाबाद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विभिन्न वामदलों द्वारा बुलाए गए विरोध के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया. प्रदर्शनकारियों ने कथित रूप से पुलिस वाहन का रास्ता रोका था, और तब पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया. विरोध प्रदर्शन के दौरान लोग नारेबाजी कर रहे हैं. पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर कई रास्तों को रोक रखा है.
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#WATCH Gujarat: Police resort to lathi-charge during protest called by different Left parties, over #CitizenshipAmendmentAct, in Ahmedabad. The protesters were allegedly blocking police vehicle when the the police resorted to lathi charge to disperse them. pic.twitter.com/tTIWJXsf8T
— ANI (@ANI) December 19, 2019
पटना, दिल्ली, लखनऊ सहित कई शहरों में प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर निकलने की खबरें मिलने लगी हैं. दिल्ली में इस नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दर्जनों मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं. गुरुवार को कई बड़े शहरों में इस कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है. हालांकि इससे पहले बुधवार शाम को प्रशासन ने तीन शहरों दिल्ली, लखनऊ और बेंगलुरू में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी. वहीं मुंबई, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद, नागपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता और भोपाल में प्रदर्शनों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. पटना में भी विरोध हो रहा है. इस दौरान राजेंद्र नगर और दरभंगा में कम्युनिस्ट संगठनों ने रेल रोक दी है.
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. 15 दिसंबर को इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. इस प्रदर्शन में कई छात्रों समेत पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए.
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जामिया की घटना के अगले दिन 16 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीलमपुर में जमकर प्रदर्शन हुए. इस प्रदर्शन के दौरान पथराव की घटना हुई. स्कूली बस पर भी पत्थर फेंके गए. इस प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारियों समेत पुलिस वाले भी घायल हुए. एक पुलिस चौकी को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया. पुलिस ने हालात को काबू में किया और वहां चौकसी बढ़ा दी गई. 17 दिसंबर को देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए.
जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश के कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए. कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी, 2020 के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्टल खाली करा लिया गया. इस कानून के विरोध में दिल्ली के लाल किला पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उधर जामा मस्जिद के इमाम ने कहा है कि इस कानून से देश के मुसलमानों को कोई लेना देना नहीं है. उन्हें नहीं डरना चाहिए. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 19 दिसंबर, 2019 को देश के कई हिस्सों में धारा 144 लागू कर दी गई है.
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उधर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चाहे जितना भी विरोध हो इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. उनका कहना है कि यह कानून देश की जनता के लिए नहीं है, यह कानून उन अल्पसंख्यक लोगों के लिए है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताडि़त होकर भारत में शणार्थी के रूप में आए हैं.
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