नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश भर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन पर कवि कुमार विश्वास चिंता जताई है. उन्होंने पूरे घटनाक्रम के लिए राजनीतिक दलों को जिम्मेदार बताया है साथ ही कहा है कि इस तरह के माहौल से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मा रो रही होगी. कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा, 'देश लाठियां, गोलियां, गोले, आंसू, ज़ख़्म, चीखें और नुकसान गिन रहा है पर जिन्होंने ये आग लगाई-भड़काई-फैलाई व पहुंचाई है वे सारे बस सीटें और वोट गिन रहे हैं! जो वो दोनों चाहते थे और चाहते हैं, वही हो रहा है ! राजघाट पर कोई ख़ामोश रो रहा है ! भारत को सिर्फ़ भारत बचा सकता है "
देश लाठियाँ, गोलियाँ, गोले, आँसू, ज़ख़्म, चीखें और नुक़सान गिन रहा है पर जिन्होंने ये आग लगाई-भड़काई-फैलाई व पहुँचाई है वे सारे बस सीटें और वोट गिन रहे हैं ! जो वो दोनों चाहते थे और चाहते हैं, वही हो रहा है ! राजघाट पर कोई ख़ामोश रो रहा है ! भारत को सिर्फ़ भारत बचा सकता है ????????????????
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) December 19, 2019
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. 15 दिसंबर को इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. इस प्रदर्शन में कई छात्रों समेत पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए.
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जामिया की घटना के अगले दिन 16 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीलमपुर में जमकर प्रदर्शन हुए. इस प्रदर्शन के दौरान पथराव की घटना हुई. स्कूली बस पर भी पत्थर फेंके गए. इस प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारियों समेत पुलिस वाले भी घायल हुए. एक पुलिस चौकी को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया. पुलिस ने हालात को काबू में किया और वहां चौकसी बढ़ा दी गई. 17 दिसंबर को देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश के कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए. कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी, 2020 के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्टल खाली करा लिया गया. इस कानून के विरोध में दिल्ली के लाल किला पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
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उधर जामा मस्जिद के इमाम ने कहा है कि इस कानून से देश के मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है. उन्हें नहीं डरना चाहिए. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 19 दिसंबर, 2019 को देश के कई हिस्सों में धारा 144 लागू कर दी गई है. उधर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चाहे जितना भी विरोध हो इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. उनका कहना है कि यह कानून देश की जनता के लिए नहीं है, यह कानून उन अल्पसंख्यक लोगों के लिए है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर भारत में शणार्थी के रूप में आए हैं.
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