सुब्रमण्यम स्वामी
नई दिल्ली:
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को दावा किया कि इस साल के अंत से पहले अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और 9 जनवरी को दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में इसकी कार्य योजना की घोषणा की जाएगी।
बहरहाल, स्वामी ने स्पष्ट कर दिया कि मंदिर किसी आंदोलन के जरिए नहीं बल्कि अदालत के आदेश के बाद ही और हिंदू एवं मुस्लिम समुदायों की आपसी सहमति से बनेगा। स्वामी ने उम्मीद जताई कि अगस्त-सितंबर तक अदालत का फैसला आ जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्थानीय कार्यालय में उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि अयोध्या के राम मंदिर पर निर्माण कार्य दो-तीन महीनों के भीतर और निश्चित तौर पर इस साल के अंत से पहले शुरू हो जाएगा। हम अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे और मंदिर किसी आंदोलन से नहीं बनेगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या यह फैसला 2017 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से जुड़ा है, उन्होंने कहा, ‘‘राम को चुनावों से नहीं जोड़ना चाहिए। राम हिंदुओं के लिए आस्था का एक विषय है और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिंदू की प्रतिबद्धता है।’’
उन्होंने कहा कि यदि यह मुद्दा बाद में आता है तो इसे अगले लोकसभा चुनाव से जोड़ दिया जाएगा। स्वामी ने दावा किया कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच इस मुद्दे को मित्रतापूर्वक सुलझाने की कोशिशें की जा रही हैं ताकि अयोध्या में सरयू नदी के दोनों किनारों पर मंदिर और मस्जिद का निर्माण हो।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में आयोजित किए जाने वाले ‘‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर - उभरता परिदृश्य’’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन में करीब 300 विद्वान, शिक्षाविद और पुरातत्ववेत्ता हिस्सा लेंगे।
बहरहाल, स्वामी ने स्पष्ट कर दिया कि मंदिर किसी आंदोलन के जरिए नहीं बल्कि अदालत के आदेश के बाद ही और हिंदू एवं मुस्लिम समुदायों की आपसी सहमति से बनेगा। स्वामी ने उम्मीद जताई कि अगस्त-सितंबर तक अदालत का फैसला आ जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्थानीय कार्यालय में उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि अयोध्या के राम मंदिर पर निर्माण कार्य दो-तीन महीनों के भीतर और निश्चित तौर पर इस साल के अंत से पहले शुरू हो जाएगा। हम अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे और मंदिर किसी आंदोलन से नहीं बनेगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या यह फैसला 2017 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से जुड़ा है, उन्होंने कहा, ‘‘राम को चुनावों से नहीं जोड़ना चाहिए। राम हिंदुओं के लिए आस्था का एक विषय है और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिंदू की प्रतिबद्धता है।’’
उन्होंने कहा कि यदि यह मुद्दा बाद में आता है तो इसे अगले लोकसभा चुनाव से जोड़ दिया जाएगा। स्वामी ने दावा किया कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच इस मुद्दे को मित्रतापूर्वक सुलझाने की कोशिशें की जा रही हैं ताकि अयोध्या में सरयू नदी के दोनों किनारों पर मंदिर और मस्जिद का निर्माण हो।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में आयोजित किए जाने वाले ‘‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर - उभरता परिदृश्य’’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन में करीब 300 विद्वान, शिक्षाविद और पुरातत्ववेत्ता हिस्सा लेंगे।
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