
रीयल एस्टेट डेवलपर्स ने सरकार द्वारा परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा छह महीने बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे उद्योग को राहत मिलेगी. इसके अलावा उन्होंने नकदी की स्थिति में सुधार, लागत घटाने और घरों की मांग बढ़ाने के लिए और उपाय करने की मांग की है. क्रेडाई के चेयरमैन जैक्सी शाह और अध्यक्ष सतीश मगर ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘कोविड-19 को अप्रत्याशित घटनाक्रम घोषित करने और रेरा के तहत परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा बढ़ाने की घोषणा बिल्डर समुदाय की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.'' उन्होंने उम्मीद जताई कि वित्त मंत्री जल्द नकदी डालने और आपूर्ति श्रृंखला जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगी जिससे परियोजनों का निर्माण सुगम हो सकेगा. नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘‘आज की घोषणाओं में रीयल एस्टेट के लिए वित्तीय प्रोत्साहन नहीं है.''
परियोजनाओें को पूरा करने की समयसीमा बढ़ाने के बारे में उन्होंने कहा कि इससे डेवलपर्स को राहत मिलेगी और साथ ही घर के खरीदारों के हितों का संरक्षण हो सकेगा. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि देशभर में निर्माण रुका हुआ है. टाटा रीयल्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजय दत्त ने कहा कि इससे बिल्डरों का दबाव कम होगा और घर खरीदारों को निर्धारित समय में उनका घर मिल सकेगा.
सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा कि कि आवास क्षेत्र में तरलता और मांग बढ़ाने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है.
ओमेक्स के सीईओ मोहित गोयल ने परियोजना को पूरा करने की समयसीमा बढ़ाने और गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नकदी डालने के कदम का स्वागत किया. गौड़ ग्रुप के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के बाद से देशभर में निर्माण गतिविधियां बंद हैं.'' उन्होंने कहा कि कुछ निर्माण कार्य अब शुरू हुआ है, लेकिन श्रमबल की कमी पैदा हो गई है. इस क्षेत्र को फिर से रफ्तार पकड़ने में कुछ समय लगेगा. ऐसे में परिजनाओं को पूरा करने के लिए छह माह का और समय दिया गया है जो अच्छा कदम है.
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