शेयर बाजार ने बजट घोषणाओं के साथ गोता लगाया फिर सुधार, जानें 10 सालों का स्टॉक मार्केट का रुख

Budget Share Market 2022 : यूपी, पंजाब समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार इस बजट में कई लोकलुभावनी घोषणाएं कर सकती हैं, इसमें किसानों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी को लेकर भी कुछ बड़े संकेत दिए जा सकते हैं.

शेयर बाजार ने बजट घोषणाओं के साथ गोता लगाया फिर सुधार, जानें 10 सालों का स्टॉक मार्केट का रुख

Sotck Market on Budget : शेयर बाजार की बजट 2022 पर नजर

नई दिल्ली:

Budget market reaction : आम बजट को लेकर हर साल गरीब, मध्यम वर्ग से लेकर उद्योगपतियों की ओर से मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. किसान, नौकरीपेशा से लेकर कारोबारी तक सरकार से राहत की कुछ उम्मीद लिए रहता है, लेकिन सबकी नजरें शेयर बाजार पर भी टिकी रहती हैं, जो बजट के कारोबारी माहौल पर पड़ने वाले असर की नब्ज माना जाता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) मंगलवार को अपना चौथा बजट पेश किया.सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (NIfty) में मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट के पहले बढ़त देखने को मिली, फिर उसने गोता लगाया.  मंगलवार सुबह 9.55 बजे सेंसेक्स 58,749 पर था, जो बजट में सकारात्मक घोषणाओं की उम्मीद के सहारे 11 बजे  58,881 तक पहुंच गया, लेकिन 11.40 बजे तक बजट घोषणाओं के सामने आते-आते यह करीब 250 अंक लुढ़ककर 58,645 तक गिर गया. 1 बजे बजट खत्म होने के वक्त क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स जैसी घोषणाओं के कारण ये 57,842 तक आ गया. यानी सुबह ओपनिंग के बाद से करीब 1000 अंकों की गिरावट. हालांकि 1.40 बजे तक यह सुधरकर 58,449 तक पहुंचा. निफ्टी का भी यही हाल रहा. सुबह 9.15 बजे वो 17,529 पर था और 11 बजे भाषण शुरू होने के वक्त 17,584 पर. लेकिन बजट भाषणखत्म होने के वक्त 1.15 बजे यह 17,277 तक गिर गया, लेकिन बाद में इसमें रिकवरी देखी गई औऱ 1.50 बजे यह 17,468 तक पहुंच गया. पिछले कुछ सालों में बजट आने के बाद स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव भरी प्रतिक्रिया देखने को मिली है.पांच राज्यों समेत विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह अहम माना जा रहा है.

2011 : बाजार में आया उछाल
तमाम लोककल्याणकारी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बीच वर्ष 2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया. इसमें वित्तीय घाटे को काबू में करने के साथ आर्थिक सुधारों का खाका खींचा गया, जिससे बाजार में उछाल देखने को मिला. सेंसेक्स (Sensex) में करीब 700 से ज्यादा अंक तक ऊपर गया और निफ्टी (Nifty) ने भी तगड़ी बढ़त बनाई.

2012 : निराशाजनक रुख
यूपीए-2 के कार्यकाल के आखिरी वर्षों में भ्रष्टाचार औऱ अन्य मुद्दों को लेकर नीतिगत पंगुता (पॉलिसी पैरालिसिस) के आरोपों के बीच यह बजट पेश किया गया, जिस पर शेयर बाजार का रुख निराशाजनक भरा रहा. सेंसेक्स करीब 210 अंक नीचे तक लुढ़क गया. 

2014 -अंतरिम बजट भी नहीं भाया
तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यूपीए-2 (UPA-2) के आखिरी साल में चुनाव को देखते हुए अंतरिम बजट पेश किया. लेकिन सेंसेक्स 300 अंकों तक नीचे गया और 19 हजार के नीचे तक पहुंच गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों पर टैक्स से जुड़े मुद्दे और घरेलू कंपनियों पर नए अधिभार से बाजार में मायूसी रही. एनडीए सरकार ने बाद में पूर्ण बजट पेश किया और रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स पर निवेशकों की आशंकाएं दूर कीं.

2015- सेंसेक्स में बड़ा उछाल
वित्त मंत्री अरुण जेटली (Finance Minister Arun Jaitley) ने इस बजट में कारपोरेट टैक्स को 30 से घटाकर 25 फीसदी करने का ऐलान किया, जिससे बाजार में उछाल देखने को मिला. लेकिन GAAR को दो साल के लिए टाले जाने की घोषणा के बाद बाजार ने करीब 500 अंकों की बढ़त गंवा दी.

2016- बजट से निराश हुआ बाजार
शेयर बाजार लाभांश वितरण कर (DDT) में बढ़ोतरी की घोषणा से निराश दिखा. सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स में वृद्धि से भी बाजार में सकारात्मक माहौल गायब होते दिखा. सेंसेक्स वापस 23 हजार की दहलीज पर आ गया. 

2017 - बाजार ने दिखा भारी उत्साह
तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में सरकारी बैंकों की मदद के साथ सरकारी और निजी निवेश बढ़ाने का खाका खींचा. सेंसेक्स ने करीब 1200 अंकों का उछाल दिखा और 28 हजार के पार निकल गया. निफ्टी ने भी कई रिकॉर्ड बनाए. साथ ही पूंजीगत लाभ कर ( Long Term Capital Gains tax) और शार्ट टर्म टैक्स रेट में बढ़ोतरी न होने से भी बाजार में राह दिखी.
 
2018- जीएसटी के बाद पहला बजट
एनडीए सरकार में जुलाई 2017 में अप्रत्यक्ष कर की नई व्यवस्था जीएसटी लागू होने के बाद वित्त वर्ष 2018 का बजट आया, जिसमें मायूसी दिखी. सरकार निवेश में बराबरी के लिए इक्विटी पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की घोषणा की और सेंसेक्स नीचे आया. वित्तीय घाटे को लेकर भी चिंता दिखी.

2019- सुपर रिच पर टैक्स से मार्केट हताश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 में सुपररिच पर टैक्स लगाने औऱ सूचीबद्द कंपनियों में सार्वजनिक अंशधारिता को बढ़ाकर 35 फीसदी करने का ऐलान किया. इससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट रही, हालांकि बाजार में बाद में तेज रिकवरी देखने को मिली.

2020- बाजार ने लगाया गोता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे बजट में बाजार ने शुरुआती बढ़त त बनाई लेकिन बाद में BSE और NSE ने करीब2.5 फीसदी का गोता लगाया. सेंसेक्स में करीब हजार अंकों की गिरावट देखी गई. एलटीसीजी को न हटाने और डिविडेंड टैक्स को लेकर अनिश्चितता का असर बाजार पर देखने को मिला. 

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2021- बाजार में बड़ा उछाल
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया के हिसाब से स्टॉक मार्केट में रिकॉर्ड उछाल देखा गया. सेंसेक्स करीब 2 हजार तक ऊपर गया और 48 हजार के सर्वकालिक स्तर को पार कर गया. निफ्टी (National Stock Exchange)  में भी 3 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.