जम्मू/श्रीनगर:
लद्दाख क्षेत्र में सियाचिन के तुरतुक सेक्टर में एक गश्ती दल के हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद से लापता सेना के एक जवान का शव शनिवार को बर्फ के नीचे दबा मिला। हिमस्खलन में एक और जवान लांस नायक भवन तमांग की जान चली गई, जिनका शव जल्द ही मिल गया था।
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, 'राइफलमैन सुनील राय का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह बचाव दलों ने निकाला। राय तब बर्फ के नीचे दब गए थे, जब 25 मार्च को सेना का एक गश्ती दल तुरतुक सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।
सियाचिन में प्रवक्ता ने कहा, 'जवानों के पार्थिव शरीरों को हिमस्खलन के क्षेत्र से निकाला जा रहा है। उसके बाद उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।' प्रवक्ता ने कहा, 'उसके बाद पार्थिव शरीरों को हवाई मार्ग से उनके पैतृक स्थान पहुंचाया जाएगा। जहां उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान से होगा।'
उन्होंने कहा कि तमांग के परिवार में उनकी पत्नी, छह साल की बेटी और उनके अभिभावक हैं। वहीं राय के परिवार में उनके अभिभावक और दो छोटे भाई हैं। उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी इन चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई।
लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा, 'भारतीय सेना परिवार दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।' गश्ती दल शुक्रवार सुबह आठ बजे विश्व के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन के तुरतुक सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, 'राइफलमैन सुनील राय का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह बचाव दलों ने निकाला। राय तब बर्फ के नीचे दब गए थे, जब 25 मार्च को सेना का एक गश्ती दल तुरतुक सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।
सियाचिन में प्रवक्ता ने कहा, 'जवानों के पार्थिव शरीरों को हिमस्खलन के क्षेत्र से निकाला जा रहा है। उसके बाद उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।' प्रवक्ता ने कहा, 'उसके बाद पार्थिव शरीरों को हवाई मार्ग से उनके पैतृक स्थान पहुंचाया जाएगा। जहां उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान से होगा।'
उन्होंने कहा कि तमांग के परिवार में उनकी पत्नी, छह साल की बेटी और उनके अभिभावक हैं। वहीं राय के परिवार में उनके अभिभावक और दो छोटे भाई हैं। उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी इन चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई।
लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा, 'भारतीय सेना परिवार दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।' गश्ती दल शुक्रवार सुबह आठ बजे विश्व के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन के तुरतुक सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।
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