राफेल मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा ट्वीट के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी पर किए गए 'वार' पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. राहुल के इस 'वार' पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने 'पलटवार' किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'दीर्घकालीन राजनेता के रूप में नाकाम होने के बाद क्या राहुल फुलटाइम लॉबीइंग करने लगे हैं? पहले उन्होंने भारत की अधिग्रहण प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए फाइटर प्लेन कंपनियों की पैरवी की और अब वे विदेशी वैक्सीन के लिए फार्मा कंपनी के लिए लॉबीइंग कर रहे हैं.' राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'प्यारे स्टूडेंट्स, पीएम ने कहा है कि बिना किसी डर और नर्वसनेस के जवाब दीजिए, कृपया उनसे यह सवाल पूछिए 1. राफेल करप्शन स्कैंडल में धन किसने लिया. 2. कांट्रेक्ट में से एंटी करप्शन क्लॉज किसने हटाया. 3. रक्षा मंत्रालय के अहम दस्तावेजों की 'मिडिलमैन' को पहुंच किसने दी? '
After failing as a part-time politician, has Rahul Gandhi switched to full time lobbying? First he lobbied for fighter plane companies by trying to derail India's acquisition programme. Now he is lobbying for pharma companies by asking for arbitrary approvals for foreign vaccines
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) April 9, 2021
Dear students,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 9, 2021
PM said answer questions without fear & nervousness. Please ask him to do the same:
1. Who took money in the #Rafale corruption scandal?
2. Who deleted the anti-corruption clauses in the contract?
3. Who gave middlemen access to key Defence Ministry documents?
गौरतलब है कि इससे पहले, वैक्सीनेशन के मसले पर भी सरकार पर निशाना साधा था. राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लिखे पत्र में कहा था कि जरूरत के मुताबिक कोरोना वैक्सीनेशन (Vaccination) हर किसी के लिए होनी चाहिए. कांग्रेस नेता ने सरकार से अन्य वैक्सीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में गति लाने का आग्रह किया है.कांग्रेस सांसद ने लिखा, 'इसका कोई साफ कारण नहीं है कि सरकार ने बड़े पैमाने पर वैक्सीन के निर्यात की इजाजत क्यों दी. हमारा देश वैक्सीन की कमी का सामना कर रहा है और छह करोड़ से अधिक वैक्सीन के डोज निर्यात कर दिए गए.' पीएम को लिखे अपने पत्र में राहुल ने यह भी लिखा था, 'हमारे वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सर्टिफिकेट पर किसी एक शख्स की फोटो से हटकर अधिकतम वैक्सीनेशन की गांरटी तक पहुंचाना होगा.' अपने लेटर में उन्होंने लिखा है कि केंद्र के खराब क्रियान्वयन और लापरवाही के कारण वैज्ञानिक समुदाय और वैक्सीन निर्माताओं के प्रयासों को कम करके आंका गया है.
राहुल ने लिखा था, 'भारत ने वैक्सीनेशन में शुरुआती बढ़त हासिल करने के लाभ को गंवा दिया है और अब हम इसमें बेहद धीमी गति से बढ़ रहे हैं. तीन माह में आबादी के एक प्रतिशत से भी कम लोगों का हम पूरा टीकाकरण कर पाए हैं.' उन्होंने दावा किया है कि अगर मौजूदा गति से टीकाकरण चलता रहा तो देश की 75 फीसदी आबादी को टीका लगाने में कई साल लग जाएंगे.
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