यह ख़बर 03 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भाजपा ने येदियुरप्पा को पार्टी में वापसी का निमंत्रण दिया, केजीपी का भाजपा से होगा विलय

बेंगलूरु:

कई सप्ताह के तेज प्रयासों के बाद बी एस येदियुरप्पा नीत कर्नाटक जनता पक्ष (केजेपी) के भाजपा के साथ विलय का गुरुवार को मार्ग प्रशस्त हो गया क्योंकि दोनों ही पार्टियों ने एकीकरण की घोषणा की और कहा कि वे सभी औपचारिकताएं तीन या चार दिनों में पूरी कर लेंगी।

येदियुरप्पा द्वारा विलय की बहुप्रतीक्षित घोषणा तब हुई जब कर्नाटक भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की और उन्हें औपचारिक रूप से पार्टी में वापस आने के लिए आमंत्रित किया। इसके साथ ही दोनों पार्टियों का एकसाथ आना तय हो गया।

येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘हमने केजेपी का विलय भाजपा के साथ करने का निर्णय किया है।’’ इस मौके पर येदियुरप्पा के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनंत कुमार भी थे। कुमार को येदियुरप्पा का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। इस मौके पर प्रदेश पार्टी इकाई के अध्यक्ष प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के सूत्रों ने कहा कि उनकी पार्टी में वापसी बिना शर्त है और वह आगामी लोकसभा चुनाव में नहीं खड़े होंगे। भाजपा ने येदियुरप्पा को पार्टी में वापसी के लिए औपचारिक निमंत्रण देने से पहले पार्टी ने कोर कमेटी की बैठक की। इसके बाद पार्टी नेताओं ने येदियुरप्पा के घर जाकर उन्हें पार्टी में आने का न्यौता दिया। येदियुरप्पा ने एक वर्ष पहले पार्टी छोड़कर केजेपी का गठन कर लिया था।

येदियुरप्पा ने निमंत्रण स्वीकार करने में कोई समय नहीं गंवाया और यह कहते हुए विलय के निर्णय की घोषणा की कि ‘‘सभी औपचारिकताएं तीन या चार दिनों में पूरी कर ली जाएंगी। हम राज्य में लोकसभा की (28 सीटों में से) 20 से अधिक सीटें जीतने पर काम करेंगे।’’

अनंत कुमार ने कहा कि येदियुरप्पा के निर्णय से भाजपा की ताकत में 10 गुना वृद्धि होगी और कहा कि इस ‘‘अच्छी खबर’’ की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को जानकारी दे दी गई है जिन्होंने अपनी ‘‘शुभकामनाएं’’ दी हैं।

दोनों दलों के विलय की दिशा में प्रयासों ने हाल के सप्ताहों में तेजी आयी थी तथा येदियुरप्पा ने स्पष्ट संकेत दिये थे कि उनकी भाजपा में वापसी में कुछ समय ही शेष हैं। इसके साथ ही प्रदेश भाजपा नेताओं को भी पार्टी आलाकमान से इस संबंध में हरी झंडी मिल गई थी।

कोर कमेटी की बैठक के बाद जोशी ने कहा, ‘‘(येदियुरप्पा की पार्टी में वापसी को लेकर) पूरी तरह से आमसहमति है। कोई समस्या नहीं है। प्रदेश इकाई ने एकमत से यह निर्णय किया है कि हमें (लोकसभा) चुनाव मिलकर लड़ना है।’’

जोशी ने कहा कि येदियुरप्पा ने अपनी पार्टी का विलय भाजपा के साथ करने का निर्णय लिया है और इस सूचना की पूरी जानकारी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को दे दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं तहे दिल से येदियुरप्पा का भाजपा में स्वागत करता हूं और कल से ही हम पूरे राज्य का दौरा करेंगे और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच विश्वास बहाल करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विलय से संबंधित सभी औपचारिकताएं दोनों तकनीकी और कानूनी जो भी करने की जरूरत है उसे जल्द से जल्द पूरी की जाएंगी।’’ गत वर्ष आठ मई को हुए विधानसभा चुनाव में कड़वा सबक सीखने के बाद दोनों पार्टियों ने हाल के सप्ताहों में विलय के प्रयासों को तेज कर दिया था। पिछले विधानसभा चुनावों में केजेपी ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया जिसके चलते दक्षिण में पार्टी की पहली सरकार धराशायी हो गई।

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केजेपी ने विधानसभा चुनाव में 10 प्रतिशत मत और छह सीटें हासिल की थी। लेकिन पार्टी अकेली ताकत के रूप में बड़ा प्रभाव नहीं जमा पाई।