नई दिल्ली:
भाजपा ने वृद्धि दर गिरने के लिए संप्रग के कथित ‘कुप्रबंधन’ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह एक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की ‘सबसे बड़ी असफलता’ है।
पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, कुप्रबंधन, कुशासन और शासन की कमी के परिणाम निराशाजनक वृद्धि दर के रूप में हमारे सामने आ चुके हैं। अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने में अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की यह सबसे बड़ी असफलता है। कृषि, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक विकास जनवरी से मार्च की तिमाही में 4.8 प्रतिशत तक धीमा हो गया और 2012-13 के पूरे वर्ष के लिए एक दशक में सबसे कम पांच प्रतिशत पर आ पहुंचा है।
जावडेकर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 1998 में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर से शुरुआत की और 2004 में उसने इसे 8.5 प्रतिशत तक पहुंचा दिया था।
उनके अनुसार, दूसरी ओर संप्रग सरकार ने आठ प्रतिशत से अधिक की विकास दर के ठोस आधार से शुरुआत की, लेकिन आज इसे पांच प्रतिशत तक गिरा दिया। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में यह 4.5 प्रतिशत तक गिर सकती है।
पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, कुप्रबंधन, कुशासन और शासन की कमी के परिणाम निराशाजनक वृद्धि दर के रूप में हमारे सामने आ चुके हैं। अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने में अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की यह सबसे बड़ी असफलता है। कृषि, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक विकास जनवरी से मार्च की तिमाही में 4.8 प्रतिशत तक धीमा हो गया और 2012-13 के पूरे वर्ष के लिए एक दशक में सबसे कम पांच प्रतिशत पर आ पहुंचा है।
जावडेकर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 1998 में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर से शुरुआत की और 2004 में उसने इसे 8.5 प्रतिशत तक पहुंचा दिया था।
उनके अनुसार, दूसरी ओर संप्रग सरकार ने आठ प्रतिशत से अधिक की विकास दर के ठोस आधार से शुरुआत की, लेकिन आज इसे पांच प्रतिशत तक गिरा दिया। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में यह 4.5 प्रतिशत तक गिर सकती है।
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