चुनाव आयोग की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कर्नाटक विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित किये जाने से कुछ समय पहले ही मतदान और मतगणना की तारीख सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होने के मामले में बीजेपी ने मंगलवार को जवाब दाखिल कर दिया है. बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत से मुलाकात की थी. आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने इस मामले में जांच दल का गठन किया है.
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इस मामले में बीजेपी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को बताया है कि अमित मालवीय ने ये ट्वीट एक अंग्रेजी चैनल देखने के बाद किया था. बीजेपी ने इस मामले में चुनाव आयोग को तथ्य सौंप दिए हैं. वहीं अमित मालवीय ने भी चुनाव आयोग का एक पत्र लिखा है जिसे जवाब के रूप में देखा जा रहा है.
आयोग की ओर से मंगलवार को जारी बयान में बताया गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत द्वारा चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा किये जाने से पहले ही भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय द्वारा ट्वीट कर चुनाव की तारीख सार्वजनिक करने के मामले में तत्काल प्रभाव से जांच करने का आदेश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि मालवीय द्वारा एक समाचार चैनल की खबर का हवाला देते हुये कर्नाटक में 12 मई को मतदान और 18 मई को मतगणना होने का ट्वीट करने की बात आयोग के संज्ञान में आयी है.
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उल्लेखनीय है कि मतगणना की वास्तविक तारीख 18 मई के बजाय 15 मई है. रावत जब संवाददाता सम्मेलन में चुनाव कार्यक्रम घोषित कर रहे थे तब ही मालवीय और इसके बाद कर्नाटक कांग्रेस की सोशल मीडिया इकाई के प्रमुख श्रीवत्स ने ट्वीट कर मतदान और मतगणना की तारीख साझा कर दी. इससे उपजे विवाद पर आयोग ने मामले की जांच कर पुख्ता कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं. इस बाबत आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक जांच दल गठित किया गया है. जांच दल को सात दिन के भीतर मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
जांच दल भविष्य में इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिये उठाये जाने वाले कदमों की भी सिफारिश करेगा. इस बीच गठित जांच दल ने ट्विटर पर यह जानकारी साझा करने वाले समाचार चैनल और व्यक्तियों से मामले की जानकारी देने को कहा है.
VIDEO: कर्नाटक चुनाव की तारीखें लीक कैसे हुईं?
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इस मामले में बीजेपी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को बताया है कि अमित मालवीय ने ये ट्वीट एक अंग्रेजी चैनल देखने के बाद किया था. बीजेपी ने इस मामले में चुनाव आयोग को तथ्य सौंप दिए हैं. वहीं अमित मालवीय ने भी चुनाव आयोग का एक पत्र लिखा है जिसे जवाब के रूप में देखा जा रहा है.
आयोग की ओर से मंगलवार को जारी बयान में बताया गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत द्वारा चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा किये जाने से पहले ही भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय द्वारा ट्वीट कर चुनाव की तारीख सार्वजनिक करने के मामले में तत्काल प्रभाव से जांच करने का आदेश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि मालवीय द्वारा एक समाचार चैनल की खबर का हवाला देते हुये कर्नाटक में 12 मई को मतदान और 18 मई को मतगणना होने का ट्वीट करने की बात आयोग के संज्ञान में आयी है.
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उल्लेखनीय है कि मतगणना की वास्तविक तारीख 18 मई के बजाय 15 मई है. रावत जब संवाददाता सम्मेलन में चुनाव कार्यक्रम घोषित कर रहे थे तब ही मालवीय और इसके बाद कर्नाटक कांग्रेस की सोशल मीडिया इकाई के प्रमुख श्रीवत्स ने ट्वीट कर मतदान और मतगणना की तारीख साझा कर दी. इससे उपजे विवाद पर आयोग ने मामले की जांच कर पुख्ता कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं. इस बाबत आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक जांच दल गठित किया गया है. जांच दल को सात दिन के भीतर मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
जांच दल भविष्य में इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिये उठाये जाने वाले कदमों की भी सिफारिश करेगा. इस बीच गठित जांच दल ने ट्विटर पर यह जानकारी साझा करने वाले समाचार चैनल और व्यक्तियों से मामले की जानकारी देने को कहा है.
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