नई दिल्ली:
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति के दौड़ में शामिल होने की बात से वह स्वयं भले ही इंकार रहे हों और इस पर ज्यादा कुछ कहने के लिए तैयार न हों लेकिन प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह यूपीए के संकटमोचक प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाए जाने के खिलाफ है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा राष्ट्रपति का चुनाव एक आम राय से करने के प्रस्ताव पर भाजपा की सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी इस हक में है। स्वराज ने साफ कहा कि पार्टी यह भी नहीं चाहेगी कि कांग्रेस पार्टी से किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा। इसका अर्थ यह निकाला जा रहा है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद को लेकर दोनों प्रमुख दलों में कोई गुप्त समझौता तो नहीं हो रहा है।
स्वराज ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अघोषित उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को शर्तों के साथ समर्थन देने को तैयार है। भाजपा का कहना है कि सपा यदि डॉ कलाम का नाम आगे बढ़ाती है तब वह उनका समर्थन करेंगे। स्वराज ने एक अहम बात यह भी कही कि भाजपा इस मसले पर कांग्रेस पार्टी के सहयोगी एनसीपी और तृणमूल के सात मिलकर एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर भी बातचीत को तैयार है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नीत यूपीए और भाजपा के एनडीए में से किसी के पास में राष्ट्रपति चुनाव में जरूरी बहुमत नहीं है। दोनों ही प्रमुख दलों को बाहर से समर्थन लेकर ही अपने उम्मीदवारों को राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाने की कोशिश करनी पड़ेगी। कांग्रेस पार्टी के पास 41 प्रतिशत मत हैं वहीं भाजपा के पास मात्र 28 प्रतिशत मत ही हैं।
यह साफ है कि इस बार चुनाव में प्रांतीय दलों की अहम भूमिका रहेगी। यूपीए के प्रत्याशी के लिए यह जरूरी है कि तृणमूल कांग्रेस का समर्थन हासिल करे। ऐसे माहौल में तृणमूल ने कहा है कि वह चुनाव की तारीखों तक इस मुद्दे पर पत्ता नहीं खोलेगी और फिलहाल वह इंतजार के मूड में हैं।
कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की ओर बड़ी आशा से देख रही है। यूपीए सरकार के प्रमुख घटक दल डीएमके ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस पार्टी द्वारा लाए गए प्रत्याशी का समर्थन करेगी।
बंगाल के सूत्र बता रहे हैं कि प्रणब मुखर्जी के नाम पर बंगाल में तृणमूल को विरोध करना भारी पड़ सकता है। प्रणब एक ऐसे नेता माने जाते हैं जिनका सम्मान विपक्ष के तमाम दल भी करते हैं। यहां तक की सीपीएम के वरिष्ठ नेता बसुदेव आचार्य ने कहा कि प्रणब बिना शक एक बढ़िया उम्मीदवार हैं। वहीं उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि पार्टी ने अभी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की है।
सिरोमणी अकाली दल के नेता एसएस डींडसा ने भी कहा कि प्रणब एक अच्छे इंसान है लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के मसले पर पार्टी एनडीए से बात करके निर्णय लेगी। आरजीडी के लालू प्रसाद यादव उपराष्ट्रपति हामित अंसारी को राष्ट्रपति बनाए जाने की वकालत कर चुके हैं। लेकिन वह यह भी कह चुके हैं वह किसी अन्य के भी खिलाफ नहीं है। सपा के शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि सभी दलों से राय जानने के बाद ही उम्मीदवार तय किया जाना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी द्वारा राष्ट्रपति का चुनाव एक आम राय से करने के प्रस्ताव पर भाजपा की सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी इस हक में है। स्वराज ने साफ कहा कि पार्टी यह भी नहीं चाहेगी कि कांग्रेस पार्टी से किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा। इसका अर्थ यह निकाला जा रहा है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद को लेकर दोनों प्रमुख दलों में कोई गुप्त समझौता तो नहीं हो रहा है।
स्वराज ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अघोषित उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को शर्तों के साथ समर्थन देने को तैयार है। भाजपा का कहना है कि सपा यदि डॉ कलाम का नाम आगे बढ़ाती है तब वह उनका समर्थन करेंगे। स्वराज ने एक अहम बात यह भी कही कि भाजपा इस मसले पर कांग्रेस पार्टी के सहयोगी एनसीपी और तृणमूल के सात मिलकर एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर भी बातचीत को तैयार है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नीत यूपीए और भाजपा के एनडीए में से किसी के पास में राष्ट्रपति चुनाव में जरूरी बहुमत नहीं है। दोनों ही प्रमुख दलों को बाहर से समर्थन लेकर ही अपने उम्मीदवारों को राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाने की कोशिश करनी पड़ेगी। कांग्रेस पार्टी के पास 41 प्रतिशत मत हैं वहीं भाजपा के पास मात्र 28 प्रतिशत मत ही हैं।
यह साफ है कि इस बार चुनाव में प्रांतीय दलों की अहम भूमिका रहेगी। यूपीए के प्रत्याशी के लिए यह जरूरी है कि तृणमूल कांग्रेस का समर्थन हासिल करे। ऐसे माहौल में तृणमूल ने कहा है कि वह चुनाव की तारीखों तक इस मुद्दे पर पत्ता नहीं खोलेगी और फिलहाल वह इंतजार के मूड में हैं।
कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की ओर बड़ी आशा से देख रही है। यूपीए सरकार के प्रमुख घटक दल डीएमके ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस पार्टी द्वारा लाए गए प्रत्याशी का समर्थन करेगी।
बंगाल के सूत्र बता रहे हैं कि प्रणब मुखर्जी के नाम पर बंगाल में तृणमूल को विरोध करना भारी पड़ सकता है। प्रणब एक ऐसे नेता माने जाते हैं जिनका सम्मान विपक्ष के तमाम दल भी करते हैं। यहां तक की सीपीएम के वरिष्ठ नेता बसुदेव आचार्य ने कहा कि प्रणब बिना शक एक बढ़िया उम्मीदवार हैं। वहीं उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि पार्टी ने अभी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की है।
सिरोमणी अकाली दल के नेता एसएस डींडसा ने भी कहा कि प्रणब एक अच्छे इंसान है लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के मसले पर पार्टी एनडीए से बात करके निर्णय लेगी। आरजीडी के लालू प्रसाद यादव उपराष्ट्रपति हामित अंसारी को राष्ट्रपति बनाए जाने की वकालत कर चुके हैं। लेकिन वह यह भी कह चुके हैं वह किसी अन्य के भी खिलाफ नहीं है। सपा के शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि सभी दलों से राय जानने के बाद ही उम्मीदवार तय किया जाना चाहिए।
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