विज्ञापन
This Article is From Jun 18, 2019

पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने एक बार फिर अपने फैसले से सबको चौंकाया, जानें- पूरा मामला

लोकसभा स्पीकर पद को लेकर बना सस्पेंस ख़त्म हो गया है. चर्चा में नाम संतोष गंगवार और मेनका गांधी का था, लेकिन इस बार भी पीएम मोदी-शाह ने अपने बहु-प्रचलित अंदाज़ में किसी को कानों-कान खबर नहीं लगने दी.

पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने एक बार फिर अपने फैसले से सबको चौंकाया, जानें- पूरा मामला
बीजेपी ने सांसद ओम बिड़ला (Om Birla) का नाम अगले स्पीकर पद के लिए आगे किया है.
नई दिल्ली:

लोकसभा स्पीकर पद को लेकर बना सस्पेंस ख़त्म हो गया है. चर्चा में नाम संतोष गंगवार और मेनका गांधी का था, लेकिन इस बार भी पीएम मोदी-शाह ने अपने बहु-प्रचलित अंदाज़ में किसी को कानों-कान खबर नहीं लगने दी और कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला (Om Birla) का नाम अगले स्पीकर पद के लिए आगे कर सभी को चौंका दिया. ओम बिड़ला (Om Birla) की पत्नी अमिता बिड़ला ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत गर्व और खुशी का क्षण है. हम उन्हें (ओम बिड़ला) को चुनने के लिए कैबिनेट के बहुत आभारी हैं". वहीं, ओम बिड़ला ने कहा कि "मुझे कोई जानकारी नहीं है. मैं सिर्फ एक कार्यकारिणी सदस्य के रूप में कार्यकारी अध्यक्ष से मिलने गया था". ओम बिड़ला का नाम आगे किये जाने के बाद ऐसा लगता है कि विपक्ष ने भी उनकी उम्मीदवारी स्वीकार कर ली है.  

बीजेपी नेता ओम बिरला का लोकसभा स्पीकर बनना लगभग तय, विपक्ष ने नहीं किया उम्मीदवारी का विरोध

आपको बता दें कि ओम बिड़ला (Om Birla) दो बार के सांसद और 3 बार के विधायक हैं. वे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, "बीजद, शिवसेना, अकाली दल, नेशनल पीपुल्स पार्टी, मिजो नेशनल फ्रंट, लोक जनशक्ति पार्टी, वाईएसआरसीपी, जेडीयू, अन्नाद्रमुक और अपना दल ने लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए बिड़ला की उम्मीदवारी का समर्थन करने का नोटिस दिया है. कांग्रेस के नेता सुरेश गुलाब नबी आज़ाद से बात कर चुके हैं. उन्होंने अब तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं लेकिन मुझे लगता है कि वे इसका विरोध नहीं करेंगे''. 

कुछ ऐसा है ओम बिरला के छात्र नेता से सांसद तक का सफर, जानिए 10 बातें

बता दें कि 56 वर्षीय ओम बिड़ला (Om Birla) भाजपा की युवा शाखा से जुड़े रहे हैं. वह 2018 में भाजपा राजस्थान इकाई के संगठनात्मक सुधार के प्रभारी भी थे. बिड़ला ने सुमित्रा महाजन की जगह ली, जिन्होंने इस बार चुनाव नहीं लड़ा, क्योंकि वो अब 76 वर्ष की हो गई हैं. यानी भाजपा के 75 वर्ष के कट ऑफ से एक साल ज़्यादा. नए स्पीकर के रूप में बिड़ला का कार्य मुश्किल भी है और रोचक भी. उन्हें ये सुनिश्चित करना होगा कि निचले सदन का कार्य सुचारू रूप से चले. एक मजबूत राजकोष बेंच और एक संख्याबल में कमज़ोर विपक्षी बेंच के साथ, पार्टियों को उम्मीद है कि बिड़ला हर किसी की आवाज सुनेंगे. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव : पहले चरण में किस पार्टी के कितने करोड़पति उम्‍मीदवार? जानिए कितनी है औसत संपत्ति
पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने एक बार फिर अपने फैसले से सबको चौंकाया, जानें- पूरा मामला
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Next Article
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com