यह ख़बर 31 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बिहार में सुशील मोदी को नेता के रूप में आगे करने का बीजेपी नेताओं ने किया विरोध

फाइल फोटो

पटना:

केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा बिहार में 2015 में होने वाला विधानसभा चुनाव सुशील मोदी के नेतृत्व में लड़ने की घोषणा करने के एक दिन बाद ही रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सुशील मोदी को नेता के रूप में आगे करने का विरोध किया है।

राधामोहन सिंह ने शनिवार को कहा था कि सुशील मोदी अगले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चेहरा होंगे। राधामोहन राज्य के मोतिहारी लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। प्रदेश पार्टी मुख्यालय में राधामोहन ने कहा कि सुशील मोदी लोकप्रिय हैं और बिहार में हर जगह स्वीकृत हैं।

हालांकि वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव में सामूहिक नेतृत्व में उतरना चाहिए। प्रेम कुमार ने कहा, 'मैं गहराई से महसूस करता हूं कि भाजपा को सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए।'

उन्होंने कहा कि आज बिहार की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति अलग है। समाज के सभी वर्गों को एकजुट रखने की अत्यंत जरूरत है। प्रेम कुमार ने कहा, 'भाजपा को अगला चुनाव लड़ने के लिए हर किसी को साथ लेकर चलना चाहिए।'

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर ने कहा कि केवल भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ही फैसला करेगा कि अगले चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा। राज्यसभा सदस्य ठाकुर ने कहा, 'मेरा नजरिया सहज है। भाजपा को नेतृत्व का मसला सड़क पर या गली में तय नहीं करना चाहिए। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला ले।'

एक पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक ने नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर कहा कि पार्टी संसदीय बोर्ड फैसला लेगा कि अगले विधानसभा चुनाव का नेतृत्व कौन करेगा। उन्होंने कहा, 'पार्टी को जल्दबाजी में किसी नाम पर फैसला नहीं लेना चाहिए।'

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भाजपा के कुछ नेताओं के मुताबिक पार्टी के कुछ भूमिहार, यादव और अन्य पिछड़ी जाति के नेता सुशील मोदी को अगले विधानसभा चुनाव में नेता बनाए जाने के खिलाफ हैं।