बीजेपी नेता शाजिया इल्मी...
नई दिल्ली:
फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन या कहें अभिव्यक्ति की आजादी की मुहिम का नया चेहरा बनी दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज एलएसआर कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर के समर्थन और विरोध में रामजस कॉलेज के बाहर लेफ्ट दलों के छात्र संगठनों और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन के बाद अब बीजेपी ने फाइट बैक किया है. बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने कुछ व्हॉट्सऐप मैसेज को शेयर किया है और दावा किया है कि किस प्रकार जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में मुस्लिम महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर जब उन्हें आमंत्रित किया गया था, और दबाव में बाद में उनका नाम हटा दिया गया.
शाजिया का दावा है कि उनका नाम तक कार्ड में वक्ताओं की सूची में शामिल किया गया था. पहले तो कार्यक्रम का समय बदला गया और बाद में मेरा नाम वक्ताओं की सूची से हटा दिया गया. शाजिया ने अपने आरोपों के साथ कार्ड की तस्वीर भी साझा की है. शाजिया ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजकों को यूनिवर्सिटी में माहौल खराब होने के बारे में चेतावनी दी गई थी. अपने इस ट्वीट के साथ ही शाजिया ने आरोप लगाया है कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है.
शाजिया ने कहा है कि उमर खालिद, शेहला को देश के टुकड़े करने की आजादी है लेकिन शाजिया इल्मी ने कांग्रेस का भ्रष्टाचार उजागर किया और बीजेपी का साथ दिया इसलिए उन्हें बोलने की आजादी नहीं दी गई.
शाजिया का आरोप है कि वो भाजपा नेता हैं और इसी कारण उन्हें जामिया में बोलने से रोका गया. उन्होंने कहा कि जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी के बात करते हैं अब वो मेरी अभिव्यक्ति के छीने जाने पर चुप क्यों हैं.
इसी बात को बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा कि जो लोग रामजस कॉलेज की बात को लेकर हंगामा कर रहे हैं वह अब खामोश क्यों हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में एक सेमिनार को लेकर दो छात्र संगठनों में विवाद हुआ था जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा ने आरोप लगाया था कि एबीवीपी के विरोध में आवाज़ उठाने पर उसे सोशल मीडिया पर रेप की धमकी मिल रही है.
शाजिया का दावा है कि उनका नाम तक कार्ड में वक्ताओं की सूची में शामिल किया गया था. पहले तो कार्यक्रम का समय बदला गया और बाद में मेरा नाम वक्ताओं की सूची से हटा दिया गया. शाजिया ने अपने आरोपों के साथ कार्ड की तस्वीर भी साझा की है. शाजिया ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजकों को यूनिवर्सिटी में माहौल खराब होने के बारे में चेतावनी दी गई थी. अपने इस ट्वीट के साथ ही शाजिया ने आरोप लगाया है कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है.
शाजिया इल्मी के अनुसार 16 फरवरी को उन्हें जामिया विश्वविद्यालय में मुस्लिम महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर एक लेक्चर देने जाना था लेकिन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर की ओर से कहा गया कि शाजिया के वहां आने से माहौल खराब हो जाएगा. जानकारी दे दें कि शाजिया इल्मी जामिया विश्वविद्यालय की छात्रा रह चुकी हैं.First a change of date then pressure on the organisers to remove me from the panel. Then warned about the ruckus in the University! pic.twitter.com/yLTszoGAOK
— shazia ilmi (@shaziailmi) March 1, 2017
The organisers were pressurised by VC and Provost to disinvite me and they were warned even on the stage during the seminar! pic.twitter.com/1Gw5ZpU25M
— shazia ilmi (@shaziailmi) March 1, 2017
शाजिया ने कहा है कि उमर खालिद, शेहला को देश के टुकड़े करने की आजादी है लेकिन शाजिया इल्मी ने कांग्रेस का भ्रष्टाचार उजागर किया और बीजेपी का साथ दिया इसलिए उन्हें बोलने की आजादी नहीं दी गई.
शाजिया का आरोप है कि वो भाजपा नेता हैं और इसी कारण उन्हें जामिया में बोलने से रोका गया. उन्होंने कहा कि जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी के बात करते हैं अब वो मेरी अभिव्यक्ति के छीने जाने पर चुप क्यों हैं.
Triple Talak debate at Jamia cancelled were Smt @M_Lekhi & @shaziailmi 2 spk,those criticised Ramjas r silent now,There double stnd exposed
— Sidharth Nath Singh (@sidharthnsingh) March 1, 2017
इसी बात को बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा कि जो लोग रामजस कॉलेज की बात को लेकर हंगामा कर रहे हैं वह अब खामोश क्यों हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में एक सेमिनार को लेकर दो छात्र संगठनों में विवाद हुआ था जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा ने आरोप लगाया था कि एबीवीपी के विरोध में आवाज़ उठाने पर उसे सोशल मीडिया पर रेप की धमकी मिल रही है.
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