BJP ने दिल्ली इकाई अध्यक्ष मनोज तिवारी के दो डीपफेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया. इन वीडियो को तकनीक का उपयोग करके इस तरह से तैयार किया गया है कि ऐसा मालूम हो रहा कि तिवारी वास्तव में दो भाषाओं (अंग्रेजी और हरियाणवी) में बोल रहे हैं. इसका उद्देश्य दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न वर्ग के वोटरों तक अपनी पहुंच बढ़ाना था.
डीपफेक तकनीक में एआई का इस्तेमाल करके मॉर्फ वीडियो बनाया जाता है, जो कि बिल्कुल असली जान पड़ता है.
Vice न्यूज नाम की वेबसाइट ने मनोज तिवारी के वीडियो का विश्लेषण करके पता लगाया है कि BJP ने इसके लिए डीपफेक का उपयोग किया है.
एक वीडियो में मनोज तिवारी ने हरियाणवी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वादों पर निशाना साधा है. असली वीडियो में तिवारी यहीं बात हिंदी में बोल रहे हैं. दोनों वीडियो में चेहरे के हावभाव और होठों के तालमेल को छोड़कर बाकी सभी हावभाव और फ्रेम एक जैसे हैं.
मनोज तिवारी ने हिंदी में कहा, "बधाई, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम राज्यसभा में पारित हो गया...।"
बीजेपी ने कहा कि डीपफेक वीडियो को करीब 5,800 व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया गया था.
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दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रभारी नीलकांत बख्शी ने एनडीटीवी को बताया, "वीडियो को करीब 5,800 ग्रुप पर शेयर किया गया था. इन्हें आंतरिक (अपने ही) ग्रुपों में भेजा गया था. बहुत से लोगों ने कहा कि ये वीडियो दिलचस्प हैं खासकर हरियाणवी बोली वाला. यह अच्छी बात है कि लोग इसे पसंद कर रहे हैं. किसी ने हमसे कहा कि आप अंग्रेजी में ऐसा क्यों नहीं करते हैं. इसलिए मैंने वॉलेंटियर से आग्रह किया कि कंपनी से अंग्रेजी के वीडियो के लिए बात करे."
बीजेपी के लिए इन वीडियो को चंडीगढ़ की कंपनी आइडियाज फैक्टरी ने बनाया है. कंपनी ने एनडीटीवी को बताया, "वह क्लाइंट रिलेशनशिप एजेंसी है इसलिए इस पर कमेंट नहीं कर सकती है.
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एआई से जुड़े जानकार कहते हैं कि डीपफेक ऑडियो और वीडियो कंटेट का उपयोग चुनाव में ज्यादा नहीं हुआ है लेकिन गलत राजनीतिक सूचना फैलाने के लिए इसके दुरुपयोग का खतरा रहता है.
बीजेपी ने कहा कि उसने इस तकनीक का उपयोग सकारात्मक रूप से अपने नेता के लिए किया गया है न कि विरोधी नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया गया है.
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