नई दिल्ली:
भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने देश की वर्तमान खराब अर्थव्यवस्था का सारा दोष सीधे और खुले तौर पर पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के सिर मढ़कर यह साबित कर दिया है कि एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्हें जरूरत से ज्यादा आंका जाता है जबकि वह जितने घाघ राजनीतिक नेता हैं, उतना उन्हें समझा नहीं जाता।
पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री के एक अखबार में छपे इंटरव्यू पर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘प्रणब के वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उस विभाग को अब सिंह खुद देख रहे हैं लेकिन उनके बयानों से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कोई पुरानी सरकार चली गई और अब वह उसकी भूलों को सुधार रहे हैं।’ उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘प्रणब के रूप में वित्त मंत्री की आत्मा को शांति दे भगवान।’ उन्होंने कहा, सबसे हास्यास्पद बात यह है कि मनमोहन प्रणब के फैसलों को अब अपने से अलग करके दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि पिछले कुछ फैसलों को बदलना होगा।
सिन्हा ने कहा कि जबकि हकीकत यह है कि किसी भी वित्त मंत्री के बजट प्रस्तावों और यहां तक कि उसके बजट भाषण को प्रधानमंत्री ही अंतिम अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी और पी चिदंबरम जैसे यूपीए सरकार के पूर्व वित्त मंत्रियों के समय किए गए फैसलों से प्रधानमंत्री खुद को अलग नहीं कर सकते हैं। हमारी व्यवस्था उन्हें ऐसा करने की इजाज़त नहीं देती।
पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री के एक अखबार में छपे इंटरव्यू पर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘प्रणब के वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उस विभाग को अब सिंह खुद देख रहे हैं लेकिन उनके बयानों से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कोई पुरानी सरकार चली गई और अब वह उसकी भूलों को सुधार रहे हैं।’ उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘प्रणब के रूप में वित्त मंत्री की आत्मा को शांति दे भगवान।’ उन्होंने कहा, सबसे हास्यास्पद बात यह है कि मनमोहन प्रणब के फैसलों को अब अपने से अलग करके दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि पिछले कुछ फैसलों को बदलना होगा।
सिन्हा ने कहा कि जबकि हकीकत यह है कि किसी भी वित्त मंत्री के बजट प्रस्तावों और यहां तक कि उसके बजट भाषण को प्रधानमंत्री ही अंतिम अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी और पी चिदंबरम जैसे यूपीए सरकार के पूर्व वित्त मंत्रियों के समय किए गए फैसलों से प्रधानमंत्री खुद को अलग नहीं कर सकते हैं। हमारी व्यवस्था उन्हें ऐसा करने की इजाज़त नहीं देती।
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