भाजपा के प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, पीड़ित बच्चों को जल्द बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के बजाय बिहार के मुख्यमंत्री मृतकों के रिश्तेदरों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर रहे थे।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        बिहार के सारण जिले में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में मिड डे मील से जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के मुख्यमंत्री पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया है।
भाजपा के प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, पीड़ित बच्चों को जल्द बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के बजाय बिहार के मुख्यमंत्री मृतकों के रिश्तेदरों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर रहे थे। यह उनकी असंवेदनशीलता एवं कठोर रवैये को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, अधिकतर बच्चों की मौत इसलिए हो गई, क्योंकि उन्हें बेहतर उपचार नहीं मिला। बेहतर चिकित्सा सुविधा एवं उपचार से बहुत से बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।
मध्यान्ह भोजन खाने से बीमार होने वाले 27 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 10 की हालत नाजुक बताई जा रही है।
घटना के विरोध में सारण में मंगलवार रात से ही प्रदर्शन हो रहे हैं। वे घटना के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
                                                                        
                                    
                                भाजपा के प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, पीड़ित बच्चों को जल्द बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के बजाय बिहार के मुख्यमंत्री मृतकों के रिश्तेदरों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर रहे थे। यह उनकी असंवेदनशीलता एवं कठोर रवैये को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, अधिकतर बच्चों की मौत इसलिए हो गई, क्योंकि उन्हें बेहतर उपचार नहीं मिला। बेहतर चिकित्सा सुविधा एवं उपचार से बहुत से बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।
मध्यान्ह भोजन खाने से बीमार होने वाले 27 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 10 की हालत नाजुक बताई जा रही है।
घटना के विरोध में सारण में मंगलवार रात से ही प्रदर्शन हो रहे हैं। वे घटना के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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