भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी लोकसभा चुनाव में जीत के लिए हर मुमकिन कदम उठा रही है, जिससे पार्टी को लाभ मिल सके। नरेंद्र मोदी के करीबी और पार्टी के उप्र मामलों के प्रभारी अमित शाह अब उन प्रत्याशियों की खुफिया रिपोर्ट बनाने में जुटे हैं, जिससे पैनल में शामिल उम्मीदवारों की सकारात्मक और नकारात्मक क्रियाकलापों की पूरी जानकारी मिल सके।
आम चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर भाजपा अपने उम्मीदवारों के चयन में फूंक-फूंक पर कदम रख रही है। भाजपा के रणनीतिकारों की मानें तो पार्टी नहीं चाहती कि किसी ऐसे प्रत्याशी का चयन कर लिया जाए, जिसे पार्टी नेता ही नहीं बल्कि भाजपा कार्यकर्ता ही अस्वीकार कर दें।
भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी यह भी जानना चाहती है कि एक लोकसभा सीट से जितने दावेदार शामिल हैं, उनको लेकर जनता के बीच उनकी छवि कैसी है। लोकसभा उम्मीदवारों की नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर खुफिया रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है।
सूत्रों की मानें तो यदि पार्टी को ऐसा लगा कि किसी उम्मीदवार का नकारात्मक पहलू उसके सकारात्मक पहलू पर भारी पड़ रहा है, तो फिर उसकी दावेदारी समाप्त भी की जा सकती है।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस उलझन से बाहर निकलने के लिए शाह ने एक ऐसी खुफिया टीम तैयार की है जो उन नेताओं और लोकसभा के दावेदारों के सच का पता लगा रही है, कि जनता के बीच उनकी छवि कैसी है, वे जनता के बीच कितने लोकप्रिय हैं और जनता के बीच कितना काम कर रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि यह खुफिया टीम पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली के साथ-साथ भाजपा के कार्यकर्ताओं की सक्रियता को भी जांच परख रही है। इस टीम की रिपोर्ट पर ही पार्टी में कार्यकर्ताओं का भविष्य तय होगा। यह टीम पार्टी में अपने कार्यकर्ताओं की जमीनी हकीकत भी जानने में लगी हुई है। टीम मोदी की रैलियों में हर कार्यकर्ता और नेता की सक्रियता को परख रही है और अपनी रिपोर्ट एक वेबसाइट के जरिये पहुंचा रही है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी हर कदम फूंक-फूंककर रख रही है। हर लोकसभा सीट पर जिन नामों का पैनल तैयार किया गया है, उन सभी उम्मीदवारों के व्यवहार, जनता के बीच उनकी उपस्थिति और जनता के बीच उनकी छवि क्या है, जैसी तमाम जानकारियां एकत्र की जा रही हैं।
इस वरिष्ठ नेता से जब यह पूछा गया कि क्या यह टीमें शाह के निर्देश पर काम कर रही हैं, तो उन्होंने कहा कि जाहिरतौर पर पार्टी का प्रभारी होने के नाते हर रणनीति का इस्तेमाल उनके मशविरे से ही लिया जा रहा है।
पार्टी के सूत्र बताते हैं कि यह टीम पार्टी के कुछ वरिष्ठ लोगों के ही संपर्क में हैं। जो मोदी के करीबियों को हर जिले की वास्तविक रिपोर्ट से अवगत करा रहे हैं।
इधर, प्रत्याशियों की खुफिया रिपोर्ट बनाए जाने को लेकर विरोधी चुटकी लेने से नहीं चूक रहे हैं। राष्टीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा, "भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों पर विश्वास ही नहीं है। उन्हें केवल मोदी और शाह पर विश्वास है। इस तरह की रिपोर्ट से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।"
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