यह ख़बर 01 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

राजस्थान के एंबुलेंस घोटाले में दो केंद्रीय मंत्री के बेटे शामिल!

खास बातें

  • भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में एंबुलेंस घोटाला होने की आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि इस घोटाले में दो केंद्रीय मंत्रियों के बेटे शामिल हैं।
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में एंबुलेंस घोटाला होने की आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि इस घोटाले में दो केंद्रीय मंत्रियों के बेटे शामिल हैं। इस घोटाले में एनआरएचएम परियोजना में करोड़ों की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। उधर, कांग्रेस ने इस पूरे आरोप को सिरे से नकार दिया है।

बता दें कि ज़िकिट्जा हेल्थकेयर लि. कंपनी के केंद्रीय मंत्री व्यालर रवि के बेटे रवि कृष्णा सह-संस्थापक हैं। इसी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में गृहमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम हैं।

भाजपा का कहना है कि ज़िकिट्जा को वर्ष 2009 में राजस्थान में 108 एंबुलेंस सर्विस का काम दिया गया। यह काम सरकारी और निजी क्षेत्र के सहयोग से तैयार परियोजना के तहत दिया गया। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में बीमार व्यक्ति को एंबुलेंस का लाभ देना था। यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत लागू की गई थी।

भाजपा का आरोप है कि इस योजना के तहत तमाम फर्जी बिलों का भुगतान किया गया। ऐसे भी बिल प्रस्तुत किए गए जहां यात्रा की ही नहीं गई। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि ज़िकिट्जा को नियमों को ताक पर रख कर ठेका दिया गया। इसके बाद सोमैया को कंपनी ने कानूनी कार्रवाई करते हुए नोटिस भेज दिया है।

इस मामले में कंपनी का कहना है कि उसे यह ठेका नियमों के अनुसार ही दिया गया है। यह एक संयोग मात्र है कि वहां पर कांग्रेस की सरकार है और ऐसे में उनका टेंडर पास हो गया। कंपनी ने कहा कि उनकी बोली सबसे कम की थी। और सरकार से किसी भी मामले में ज्यादा रुपये नहीं लिए गए हैं।

गौरतलब है कि तमाम शिकायत मिलने के बाद कंपनी के घपले की जांच राज्य के सतर्कता विभाग ने आरंभ की थी और तमाम गड़ब़डियां सामने आईं थीं। लेकिन भाजपा का आरोप है कि जांच प्रक्रिया को मुख्य सचिव के आदेश के बाद बीच में ही रोक दिया है।

राज्य में एनआरएचएम के वित्तीय सलाहकार ने अपनी जांच में यह पाया गया था कि सितंबर 2011 माह में 55 हजार दौरे किए गए जबकि वास्तविक्ता यह पाई गई कि मात्र 37 हजार ही दौरे किए गए। इसके अलावा कंपनी ने 50 उन एंबुलेंस की भी बिलिंग कर डाली जो अब सड़क पर नहीं चल रही हैं। पिछले वर्ष मार्च और सितंबर माह के बीच साढ़े तीन करोड़ रुपये बिलों में गड़बड़ी कर अधिक वसूले गए हैं।

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उधर इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एमादुद्दीन अहमद का कहना है कि जब गड़ब़डी पकड़ी गई तब कंपनी के बिल से 10 करोड़ रुपये की कटौती कर ली गई थी।