यह ख़बर 18 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बिहार : नक्सली मुठभेड़ में सैप के तीन जवानों सहित छह की मौत

खास बातें

  • माओवादियों ने घटनास्थल से इनसास एसएलआर और एके 47 राइफलों समेत 29 आधुनिक हथियार और करीब 33 सौ कारतूस लूट लिए। माओवादियों ने कैंप कार्यालय में मौजूद छह गाड़ियों में आग लगा दी, जिसमें वाहनों को आंशिक क्षति पहुंची।
औरंगाबाद:

बिहार के औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सैप के तीन जवान शहीद हो गए और दो निजी सुरक्षा गार्ड के अलावा एक वाहन चालक की मौत हो गई।

पांच अन्य जवान घायल भी हुए हैं। घायल जवानों में से एक की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। अन्य का इलाज औरंगाबाद स्थित अस्पताल में किया जा रहा है।

आधा दर्जन से अधिक अरमादा और बोलेरो जीपों पर सवार होकर हथियारों से लैस माओवादी निजी निर्माण कंपनी एमबीएल के कैंप कार्यालय पहुंचे और अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी, जिससे सैप के तीन जवान शहीद हो गए और वहां मौजूद अन्य दो निजी सुरक्षा गार्ड तथा एक वाहन चालक की मौत हो गई तथा पांच अन्य सैप के जवान घायल हो गए। घटनास्थल पर सैप की 30 जवानों की टुकडी तैनात थी पर माओवादियों की संख्या बहुत अधिक होने और उनके अचानक धावा बोलने के कारण सैप जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला।

माओवादियों ने घटनास्थल से इनसास एसएलआर और एके 47 राइफलों समेत 29 आधुनिक हथियार और करीब 33 सौ कारतूस लूट लिए। माओवादियों ने कैप कार्यालय में मौजूद छह गाड़ियों में आग लगा दी, जिसमें वाहनों को आंशिक क्षति पहुंची। माओवादियों ने दिलारु नदी पर बने पुल को भी विस्फोटक के जरिये उड़ाने का प्रयास किया, जिसमें पुल को आंशिक रुप से नुकसान पहुंचा है। घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल को आने से रोकने के लिए माओवादियों ने गोह मुख्य मार्ग पर दो स्थानों पर भूमिगत बारूदी सुरंग लगा रखी थी, जिसे बाद में बम निरोधक दस्ते द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया।

पड़ोसी जिला गया के कोच होते हुए घटनास्थल की ओर पुलिस बल को लेकर आ रही एक बस के माओवादियों द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंग की चपेट में आ जाने से बस चालक की मौत हो गई। बस पर मौजूद बाकी अन्य पुलिस जवानों को कोई क्षति नहीं पहुंची। इस मुठभेड में सैप जवानों की ओर से करीब 50 राउंड गोलियां चलाई गई पर माओवादियों द्वारा की जा रही अंधाधुंध गोलीबारी और उनके अधिक संख्या में होने के कारण वे माओवादियों के सामने टिक नहीं सके।

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राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद देर रात घटनास्थल का निरीक्षण कर पटना वापस लौट चुके हैं। अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) एसके भारद्वाज पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर ही डेरा डाले हुए हैं और माओवादियों की गिरफ्तारी के लिए इलाके की नाकेबंदी कर छापामारी शुरू कर दी गई है।