Bihar Coronavirus: राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पश्चिम चंपारण के जिला अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है. शिवानंद तिवारी को ज़िला अधिकारी द्वारा अपने मातहत अधिकारियों को कुछ दिन पहले लिखे गए एक पत्र की भाषा पर आपत्ति है.
शनिवार को एक बयान में शिवानंद तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी से एक निवेदन है कि दुनिया आज कोरोना वायरस (Coronavirus) के संकट से जूझ रही है. संपूर्ण मानवता के लिए यह एक चुनौती है. हमने भी इसे चुनौती मानकर अपना संपूर्ण बल इसी के विरुद्ध एकाग्र किया है. कोरोना तो अपने चरित्र में निरपेक्ष है, किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करता है. यह न धर्म देखता है और न जाति. मुल्कों की सीमाओं को भी यह नहीं मानता है. संपूर्ण दुनिया को इसने अपनी चपेट में ले लिया है लेकिन दुर्भाग्य से हमारा देश एक दूसरे प्रकार के वायरस का भी गंभीर रूप से शिकार है. यह वायरस साम्प्रदायिकता का है. साम्प्रदायिकता का यह वायरस कोरोना को भी साम्प्रदायिक नजरों से ही देख रहा है. पूरे देश में यह अफवाह फैली हुई है कि एक धर्म विशेष के लोग कोरोना जिहाद चला रहे हैं. दुर्भाग्य है कि देश के मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भी इसको फैलाने में सक्रिय है. इसका असर सिर्फ समाज पर ही नहीं है बल्कि हमारा प्रशासन भी, जिसको संविधान के अनुसार इन सब चीजों से निरपेक्ष होना चाहिए, साम्प्रदायिक नजरिए का शिकार हो गया है.
शिवानंद तिवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी, पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी का, जिला पुलिस अधीक्षक को लिखा पत्र देखें. जिलाधिकारी ने यह पत्र सीमा सुरक्षा बल के पदाधिकारी द्वारा प्राप्त गोपनीय सूचना पत्र के आधार पर लिखा है. सीमा सुरक्षा बल के उक्त पदाधिकारी ने जिलाधिकारी को सूचना दी है कि कुछ मुसलमान भारत में घुसकर कोरोना वायरस (Coronavirus) फैलाना चाहते हैं. इसके आलोक में जिलाधिकारी ने अपने जिला पुलिस अधीक्षक को सीमा पर सुरक्षा गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया है. इस पत्र में भी यही लिखा गया है कि मुसलमान देश की सीमा में प्रवेश कर कोरोना का वायरस फैलाना चाहते हैं. उक्त पत्र में जालिम खान नाम के एक मुखिया का भी उल्लेख है. क्या इस तरह के पत्रों में धर्म विशेष का उल्लेख प्रशासनिक संहिता के अनुकूल है? पटना से छपने वाले कई अखबारों में आज यह खबर प्रमुखता से छपी है. सीमा सुरक्षा बल के उक्त पदाधिकारी तथा पश्चिम चंपारण के जिला पदाधिकारी के पत्र का उद्धरण देते हुए यह खबर छापी गई है.
तबलीगी जमात को लेकर पहले से ही एक धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ अभियान चल रहा था. इस खबर ने उस अभियान को और बल प्रदान किया है. इस आलोक में मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि संबंधित जिलाधिकारी के विरुद्ध समुचित कार्रवाई करें. सीमा सुरक्षा बल के उक्त पदाधिकारी के विरुद्ध भी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय से अनुरोध करें.
उन्होंने कहा कि आज घर-घर में टेलीविजन मीडिया का प्रवेश हो चुका है. लेकिन खेद है कि कई समाचार चैनल अपनी पहुंच की ताकत का दुरुपयोग कर देश तथा प्रदेश में साम्प्रदायिकता का जहर फैला रहे हैं. जबकि हमारे कानून के अनुसार यह दंडनीय अपराध है. अगर राज्य में साम्प्रदायिक अमन चैन कायम रखना है तो इस दिशा में मजबूत कदम उठाना होगा. हम आशा करते हैं कि मुख्यमंत्री जी इस दिशा में प्रभावशाली कदम उठाएंगे.
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