
बिहार विधानसभा चुनाव इस वर्ष होने हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी से भविष्यवाणी कर दी हैं कि इस बार के चुनाव में 200 से अधिक सीटें एनडीए की झोली में आयेगी. नीतीश कुमार ने यह दावा शनिवार को अपने सरकारी आवास में आयोजित ज़िला और प्रखंड अध्यक्ष के अलावा क्षेत्रीय पदाधिकारियों के एक बैठक को सम्बोधित करते हुए कही. नीतीश ने अपने संबोधन के दौरान दो महत्वपूर्ण बातें कही. एक बिहार में धर्म, जाति, संप्रदाय या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता. दूसरा जिन विचारों को लेकर पार्टी आज तक चलती रही हैं उन विचारों से किसी भी क़ीमत पर समझौता नहीं होगा.
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इस बैठक में नीतीश ने बिहार में विपक्ष के बारे में भी कहा कि इनके पास ना कोई कार्यक्रम हैं ना कोई मुद्दा और कुछ लोग तो लोगों के बीच भ्रम फैलाते रहते हैं लेकिन उसपर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं हैं. नीतीश ने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपने घर के ऊपर पार्टी का झंडा लगाने की भी अपील की, जिससे लोगों में एक संदेश जाये. नीतीश ने भरोसा दिलाया की पिछले पंद्रह वर्षों के दौरान जो काम हुआ हैं उसका संदेश जनता तक पहुंचाया जाये.
नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव के पूर्व भी पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने राज्य के चालीस में से चालीस सीटें जीतने का दावा किया था. परिणाम आये तो एक सीट किशनगंज का छोड़कर सारी सीटें एनडीए के खाते में आया था. नीतीश ने शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाक़ात की, जिसके बारे में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और जद-यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के बीच परस्पर विश्वास और सम्मान के वातावरण में सार्थक बातचीत हुई. मोदी के अनुसार विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले एनडीए के दो प्रमुख दलों के शीर्ष नेतृत्व में संवाद ने जनता को एकजुटता का जो संदेश दिया है, उससे राजद को अभी से पसीने आने लगे और उनकी जुबान लड़खड़ाने लगी.
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