नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को जेडीयू के नए अध्यक्ष निर्वाचित हो गए हैं। इस पहल के जरिए नीतीश कुमार का पार्टी पर अब पूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया है। बिहार से बाहर पार्टी के प्रसार की कोशिशों और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में रविवार को नीतीश कुमार को इस शीर्ष पद के लिए सर्वसम्मति से चुना गया। नीतीश इस पद का प्रभार वरिष्ठ नेता शरद यादव से ग्रहण कर रहे हैं जो एक दशक तक अध्यक्ष पद पर रहे। शरद ने इस पद के लिए चौथी बार दावेदारी नहीं करने का निर्णय किया था।
नीतीश पहली बार जेडीयू अध्यक्ष चुने गए हैं जो बिहार में पार्टी का चेहरा रहे हैं। इससे पहले जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं, जो बिहार से बाहर के थे हालांकि उनकी कर्मभूमि बिहार ही रही।
राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद नेताओं ने बताया कि बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव शरद यादव ने किया और पार्टी महासचिव के.सी. त्यागी के साथ जावेद रजा एवं अन्य नेताओं ने इसका समर्थन किया।
त्यागी ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में समान विचारधाराओं वाली पार्टियों को साथ लाने के प्रयासों के बारे में बताया और नई जिम्मेदारी को स्वीकार किया। बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन को बीजेपी नीत एनडीए पर जीत दिलाने में नीतीश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जेडीयू में अजीत सिंह के नेतृत्व वाली आरएलडी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी के झारखंड विकास मोर्चा के विलय के बारे में बात चल रही है।
बीजेपी को बिहार में रोका, यूपी में भी रोकेंगे
जेडीयू 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को प्रमुखता दे रही है और कुछ दलों के विलय को महत्व दे रही है। त्यागी ने कहा, 'हमने उन्हें (बीजेपी) बिहार में रोका और अब हम उन्हें उत्तर प्रदेश में भी रोकेंगे।'
यह पूछे जाने पर कि क्या सपा के साथ विलय के प्रयासों पर भी चर्चा चल रही है, उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अकेले चुनाव लड़ेंगे।
बहरहाल, नीतीश ने जेडीयू अध्यक्ष चुने जाने के बाद ट्वीट में कहा, 'पार्टी द्वारा मुझ पर विश्वास व्यक्त करने से अभिभूत हूं। हम शरद यादव की विरासत को आगे बढ़ाने का पूरा प्रयास करेंगे और मैं जेडीयू के नए अध्यक्ष की भूमिका को स्वीकार करता हूं।'
पार्टी के मार्गदर्शक बने रहेंगे शरद यादव
इस बीच, जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक 23 अप्रैल को पटना में होगी, जहां नीतीश के निर्वाचन का अनुमोदन किया जाएगा। नीतीश ने जेडीयू को मजबूत बनाने में शरद यादव की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वह पार्टी के 'मार्गदर्शक' बने रहेंगे।
शरद यादव ने अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह पार्टी का आधार बढ़ाने का काम करेंगे। इससे पहले अपने आवास पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'वह जैसे पहले थे, वैसे ही रहेंगे। राष्ट्रीय राजनीति में मैं पार्टी की वजह से नहीं हूं।' पार्टी की कार्यकारणी में पारित प्रस्ताव में यादव की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि वे भाई भतीजावाद, गुटबाजी और आत्ममंडन से दूरी बनाए रहे।
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में रविवार को नीतीश कुमार को इस शीर्ष पद के लिए सर्वसम्मति से चुना गया। नीतीश इस पद का प्रभार वरिष्ठ नेता शरद यादव से ग्रहण कर रहे हैं जो एक दशक तक अध्यक्ष पद पर रहे। शरद ने इस पद के लिए चौथी बार दावेदारी नहीं करने का निर्णय किया था।
नीतीश पहली बार जेडीयू अध्यक्ष चुने गए हैं जो बिहार में पार्टी का चेहरा रहे हैं। इससे पहले जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं, जो बिहार से बाहर के थे हालांकि उनकी कर्मभूमि बिहार ही रही।
राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद नेताओं ने बताया कि बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव शरद यादव ने किया और पार्टी महासचिव के.सी. त्यागी के साथ जावेद रजा एवं अन्य नेताओं ने इसका समर्थन किया।
त्यागी ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में समान विचारधाराओं वाली पार्टियों को साथ लाने के प्रयासों के बारे में बताया और नई जिम्मेदारी को स्वीकार किया। बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन को बीजेपी नीत एनडीए पर जीत दिलाने में नीतीश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जेडीयू में अजीत सिंह के नेतृत्व वाली आरएलडी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी के झारखंड विकास मोर्चा के विलय के बारे में बात चल रही है।
बीजेपी को बिहार में रोका, यूपी में भी रोकेंगे
जेडीयू 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को प्रमुखता दे रही है और कुछ दलों के विलय को महत्व दे रही है। त्यागी ने कहा, 'हमने उन्हें (बीजेपी) बिहार में रोका और अब हम उन्हें उत्तर प्रदेश में भी रोकेंगे।'
यह पूछे जाने पर कि क्या सपा के साथ विलय के प्रयासों पर भी चर्चा चल रही है, उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अकेले चुनाव लड़ेंगे।
बहरहाल, नीतीश ने जेडीयू अध्यक्ष चुने जाने के बाद ट्वीट में कहा, 'पार्टी द्वारा मुझ पर विश्वास व्यक्त करने से अभिभूत हूं। हम शरद यादव की विरासत को आगे बढ़ाने का पूरा प्रयास करेंगे और मैं जेडीयू के नए अध्यक्ष की भूमिका को स्वीकार करता हूं।'
पार्टी के मार्गदर्शक बने रहेंगे शरद यादव
इस बीच, जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक 23 अप्रैल को पटना में होगी, जहां नीतीश के निर्वाचन का अनुमोदन किया जाएगा। नीतीश ने जेडीयू को मजबूत बनाने में शरद यादव की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वह पार्टी के 'मार्गदर्शक' बने रहेंगे।
शरद यादव ने अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह पार्टी का आधार बढ़ाने का काम करेंगे। इससे पहले अपने आवास पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'वह जैसे पहले थे, वैसे ही रहेंगे। राष्ट्रीय राजनीति में मैं पार्टी की वजह से नहीं हूं।' पार्टी की कार्यकारणी में पारित प्रस्ताव में यादव की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि वे भाई भतीजावाद, गुटबाजी और आत्ममंडन से दूरी बनाए रहे।
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