पटना:
केरल में हिंदुओं पर लगातार हो रहे अत्याचार एवं आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद बिहार बीजेपी कमर कस चुकी है. प्रतिदिन बिहार से बड़े नेता और कार्यकर्ता वहां जनयात्रा में शामिल होने केरल जा रहे हैं. पटना से बीजेपी युवा मोर्चा के 150 कार्यकर्ताओं ने केरल में 20 हजार लोगों के साथ जनयात्रा निकाली जिसको केरल के लोगों का भी काफी सहयोग मिला. इनमें से प्रमुख नितिन नवीन, संजीव चौरसिया एवं जयप्रकाश चौधरी हैं. अब इनका कहना है कि देश से वामपंथियों को उखाड़ फेकना इनका मकसद है.
वामपंथियों की हिंसा के खिलाफ आयोजित पदयात्रा में शामिल होने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी कोच्ची पहुंचे. वह गुरुवार को भाजपा की ओर से आयोजित 9 किलोमीटर लंबी पदयात्रा व उसके बाद हुई जनसभा में शामिल दिखे. केरल में वामपंथियों ने कथित रूप से अब तक 100 से ज्यादा भाजपा व सहयोगी संगठनों (आरएसएस) के निर्दोष कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा की बुनियाद पर खड़े वामपंथियों का पूरी दुनिया से सफाया हो चुका है. भारत में भी वो केवल दो राज्य केरल और त्रिपुरा में सिमट गए हैं. अगले चुनाव में केरल से भी इनका सफाया तय है. आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं मगर हमारा विश्वास लोकतंत्र में है और हमलोग अगले चुनाव में इसका जवाब देंगे.
केरल में पिछले कुछ सालों में संघ और वामपंथियों के वर्चस्व की लड़ाई में दर्जनों सियासी हत्याएं हो चुकी हैं. संघ परिवार लगातार इन हत्यायों को लेकर मुखर है और सीधे सीधे वामपंथियों को इसका कसूरवार ठहराता रहा है.
वामपंथियों की हिंसा के खिलाफ आयोजित पदयात्रा में शामिल होने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी कोच्ची पहुंचे. वह गुरुवार को भाजपा की ओर से आयोजित 9 किलोमीटर लंबी पदयात्रा व उसके बाद हुई जनसभा में शामिल दिखे. केरल में वामपंथियों ने कथित रूप से अब तक 100 से ज्यादा भाजपा व सहयोगी संगठनों (आरएसएस) के निर्दोष कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा की बुनियाद पर खड़े वामपंथियों का पूरी दुनिया से सफाया हो चुका है. भारत में भी वो केवल दो राज्य केरल और त्रिपुरा में सिमट गए हैं. अगले चुनाव में केरल से भी इनका सफाया तय है. आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं मगर हमारा विश्वास लोकतंत्र में है और हमलोग अगले चुनाव में इसका जवाब देंगे.
केरल में पिछले कुछ सालों में संघ और वामपंथियों के वर्चस्व की लड़ाई में दर्जनों सियासी हत्याएं हो चुकी हैं. संघ परिवार लगातार इन हत्यायों को लेकर मुखर है और सीधे सीधे वामपंथियों को इसका कसूरवार ठहराता रहा है.
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